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Money Laundering Case : प्रियंका गांधी के साथ ED ऑफिस पहुंचे वाड्रा, बोले – जितना परेशान करोगे, उतना उभरूंगा

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Money Laundering Case :भारत की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची है, क्योंकि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम लैंड डील मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। बुधवार को वाड्रा एक बार फिर ईडी के सामने पेश हुए, और इस बार उनके साथ प्रियंका गांधी भी नजर आईं।

यह मामला हरियाणा के शिकोहपुर में 2008 के एक भूमि सौदे से जुड़ा है, जिसे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। वाड्रा का कहना है कि यह जांच राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है, जबकि बीजेपी का दावा है कि यह कानून की ताकत का प्रदर्शन है। आइए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।

गुरुग्राम लैंड डील: क्या है विवाद?

यह कहानी शुरू होती है फरवरी 2008 से, जब रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। आरोप है कि इस सौदे में अनियमितताएं हुईं, और जमीन का दाखिल-खारिज कुछ ही घंटों में पूरा हो गया।

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हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस मामले में जांच शुरू की थी, और अब ईडी ने इसे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत आगे बढ़ाया है। वाड्रा का कहना है कि हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दी थी, फिर सात साल बाद यह जांच क्यों?

वाड्रा का पक्ष: “हम सॉफ्ट टारगेट नहीं”

ईडी कार्यालय पहुंचने पर रॉबर्ट वाड्रा ने साफ कहा, “मैंने 15 बार ईडी के सामने पेश होकर 23,000 दस्तावेज सौंपे हैं। 2019 में भी वही सवाल पूछे गए, जिनका जवाब मैं दे चुका हूं। यह एजेंसियों का दुरुपयोग है।” उन्होंने यह भी कहा कि वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे।

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वाड्रा ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी का समर्थन होने की बात भी कही, जिन्होंने उन्हें मजबूती से सवालों का जवाब देने के लिए प्रोत्साहित किया। वाड्रा का आरोप है कि जब भी वह अल्पसंख्यकों या अन्य मुद्दों पर बोलते हैं, उन्हें निशाना बनाया जाता है।

बीजेपी का हमला: “कानून से ऊपर कोई नहीं”

बीजेपी ने इस मामले को कांग्रेस के खिलाफ हमले का मौका बनाया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, “रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा में कांग्रेस शासन के दौरान हुए भूमि घोटाले का अंजाम भुगतना होगा। यह जांच कानून की ताकत को दर्शाती है।” भाटिया ने गांधी परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सोनिया, राहुल और वाड्रा सभी भ्रष्टाचार के मामलों में जमानत पर हैं। बीजेपी का दावा है कि यह कार्रवाई किसी राजनीतिक बदले की भावना से नहीं, बल्कि कानून के दायरे में हो रही है।

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राजनीतिक प्रतिशोध या कानूनी कार्रवाई?

इस पूरे मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह जांच वास्तव में कानूनी अनियमितताओं को उजागर करने के लिए है, या इसके पीछे राजनीतिक मकसद हैं? वाड्रा का कहना है कि हर बार चुनाव के समय उनकी जांच तेज हो जाती है, और इसके बाद एजेंसियां चुप हो जाती हैं। उन्होंने कहा, “जितनी बार मुझे परेशान किया जाएगा, मैं उतनी ही मजबूती से सामने आऊंगा।” दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि यह मामला कांग्रेस के शासनकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार को सामने लाने का प्रयास है।

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