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Rahul Gandhi Gujarat Visit : गुजरात में कांग्रेस की नई शुरुआत, राहुल गांधी ने बनाया मास्टरप्लान

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Rahul Gandhi Gujarat Visit : 15 अप्रैल 2025 को, जब सूरज गुजरात की धरती पर अपनी पहली किरणें बिखेरेगा, तब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस राज्य के दो दिवसीय दौरे पर कदम रखेंगे। उनका मकसद साफ है—कांग्रेस को उस धरती पर फिर से जीवंत करना, जहां पार्टी पिछले तीन दशकों से सत्ता से दूर है। यह दौरा कोई साधारण यात्रा नहीं, बल्कि एक ऐसी पायलट परियोजना की शुरुआत है, जो गुजरात में कांग्रेस के संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की नींव रखेगी। यह पहल न केवल गुजरात, बल्कि अन्य राज्यों में भी पार्टी के लिए एक नया रास्ता दिखा सकती है।

संगठन को नई ताकत देने की रणनीति

गुजरात की सियासत में बीजेपी का दबदबा लंबे समय से कायम है। इसे चुनौती देने के लिए कांग्रेस अब जिला स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही है। राहुल गांधी का यह दौरा इसी रणनीति का हिस्सा है। अहमदाबाद में अपने दौरे की शुरुआत करते हुए वे एक महत्वपूर्ण ओरिएंटेशन बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में 42 अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और 183 प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पर्यवेक्षक हिस्सा लेंगे, जिन्हें हाल ही में 12 अप्रैल को नियुक्त किया गया था।

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ये पर्यवेक्षक गुजरात के 33 जिलों और आठ प्रमुख शहरों में फैली 41 संगठनात्मक इकाइयों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया को गति देंगे। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल का कहना है कि यह कदम स्थानीय नेतृत्व को उभारने और संगठन को नई जान देने में अहम साबित होगा।

कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद

राहुल गांधी इस दौरान पर्यवेक्षकों से सीधे बात करेंगे। वे न केवल पार्टी के विजन को साझा करेंगे, बल्कि नेतृत्व से अपनी अपेक्षाएं भी स्पष्ट करेंगे। अगले दिन, 16 अप्रैल को, वे अरावली जिले के मोदासा शहर पहुंचेंगे। यहां वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और इस पायलट परियोजना को औपचारिक रूप से लॉन्च करेंगे। यह परियोजना सिर्फ गुजरात तक सीमित नहीं रहेगी। इसे अन्य राज्यों में भी संगठनात्मक सुधारों के लिए एक मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है। कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए राहुल गांधी एक बार फिर जमीनी स्तर पर राजनीति को मजबूत करने का संदेश देंगे।

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गुजरात में कांग्रेस की वापसी की कोशिश

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी और कांग्रेस कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठकें हुई थीं। सालों बाद गुजरात में ऐसी बैठकों का आयोजन अपने आप में एक बड़ा संकेत है। इसे कांग्रेस की राज्य में राजनीतिक वापसी की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मार्च में भी राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया था। तब उन्होंने कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से मुलाकात कर समावेशी राजनीति और जमीनी आंदोलन की जरूरत पर जोर दिया था। उनका यह संदेश आज भी कार्यकर्ताओं के बीच गूंज रहा है।

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राहुल गांधी का यह दौरा और पायलट परियोजना कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद लेकर आए हैं। गुजरात में जहां पार्टी लंबे समय से हाशिए पर रही है, वहां यह पहल एक नई शुरुआत हो सकती है। यह परियोजना न केवल संगठन को मजबूत करेगी, बल्कि कार्यकर्ताओं में भी नया जोश भरेगी। राहुल गांधी का यह कदम दिखाता है कि वे न सिर्फ चुनौतियों को समझते हैं, बल्कि उन्हें दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने को भी तैयार हैं। गुजरात की जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता अब इस नई शुरुआत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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