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Search Operation Lasana : पुंछ में आतंकियों से मुठभेड़! पूरी रात चली गोलियों की बौछार

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Search Operation Lasana : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक बार फिर सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। सुरनकोट के लसाना गांव में चल रहा “ऑपरेशन लसाना” इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर इस संयुक्त अभियान को अंजाम दिया, जिसमें आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान को और तेज कर दिया गया। यह ऑपरेशन सोमवार रात को शुरू हुआ और अब भी जारी है, जिससे स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना मजबूत हो रही है।

लसाना में मुठभेड़ 

पुंछ के लसाना गांव में सोमवार रात को उस समय हलचल मच गई, जब सुरक्षा बलों को आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली। इस सूचना के आधार पर भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल गांव में दाखिल हुए, आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों पक्षों के बीच तीखी मुठभेड़ हुई। इस दौरान एक जवान घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। सेना ने इलाके को घेर लिया और आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया।

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ऑपरेशन लसाना 

भारतीय सेना ने इस अभियान की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की। सेना ने बताया कि ऑपरेशन लसाना के तहत आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित किया गया है और तलाशी अभियान को और व्यापक किया जा रहा है। सेना का कहना है कि उनका लक्ष्य आतंकवादियों को पूरी तरह निष्क्रिय करना है, ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे। इस अभियान में सेना की तत्परता और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

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किश्तवाड़ में मिली बड़ी सफलता

पुंछ से पहले जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भी सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की थी। छात्रु इलाके में हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह सहित तीन आतंकवादी मारे गए। यह ऑपरेशन देर रात तक चला और सुरक्षाबलों की रणनीति ने आतंकवादियों को कोई मौका नहीं दिया। किश्तवाड़ की इस कामयाबी ने सुरक्षा बलों का मनोबल और बढ़ा दिया, जिसका असर अब पुंछ के ऑपरेशन में भी देखने को मिल रहा है।

अखनूर में शहादत 

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भी भारतीय सेना ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर ने अपनी जान की बाजी लगा दी। इस जवान की शहादत ने एक बार फिर देश को याद दिलाया कि हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिक कितने बड़े बलिदान के लिए तैयार रहते हैं। सेना ने इस घटना के बाद बॉर्डर क्षेत्र में तलाशी अभियान को और तेज कर दिया है।

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शांति की ओर बढ़ता जम्मू-कश्मीर

पुंछ, किश्तवाड़ और अखनूर में चल रहे इन अभियानों से यह साफ है कि सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना की मौजूदगी से उन्हें भरोसा मिलता है। ऑपरेशन लसाना जैसे अभियान न केवल आतंकवादियों को सबक सिखाते हैं, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता को भी बढ़ावा देते हैं। भारतीय सेना की यह मुहिम जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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