देहरादून :श्रीमती सुमन देवी, जो कि किशनपुर, थाना राजपुर, देहरादून की निवासी हैं, ने 21 नवंबर 2024 को थाना राजपुर में एक तहरीर दी। उन्होंने बताया कि उनकी सहेली श्रीमती रितु मेहता ने उन्हें किशनपुर में स्थित अपनी जमीन और बंगले की देखरेख के लिए रखा था।
इसी बीच, शेरखान नामक एक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उस जमीन व बंगले पर कब्जा करने का प्रयास किया। इस तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में मामला दर्ज किया गया, जिसमें शेरखान और अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया।
इस मामले में जमीनी धोखाधड़ी से जुड़े अभियुक्तों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए देहरादून के एसएसपी ने सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि वे धोखाधड़ी से संबंधित सभी विवेचनाओं का त्वरित निस्तारण करें और अभियुक्तों को गिरफ्तार करें। इन निर्देशों के तहत, विवेचक ने आवश्यक साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया शुरू की।
रजिस्ट्री कार्यालय, राजस्व विभाग और विभिन्न बैंकों से दस्तावेज प्राप्त किए गए। इन दस्तावेजों के आधार पर, धोखाधड़ी में शामिल गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए सुराग जुटाए गए। मुखबिर की सूचना पर, 27 दिसंबर 2024 को चार अभियुक्तों – विकास सुंदरियाल उर्फ सोनू मूंछ, विनोद कुमार उर्फ के.डी., महेश चौहान और प्रमोद गिरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में यह सामने आया कि वे सभी शेरखान के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि शेरखान ने जमीनों पर कब्जा करने के लिए एक गिरोह बनाया है, जिसमें लगभग 10-12 लोग शामिल हैं। यह गिरोह शहर में खाली जमीनों और मकानों की रैकी करता है और फिर उन पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके कब्जा कर लेता है। अभियुक्तों ने बताया कि उन्होंने पहले भी कई जमीनों और मकानों पर इसी तरीके से कब्जा किया है।
इस पूछताछ से एक अन्य अभियुक्त मोहम्मद अकबर का नाम भी सामने आया, जो सहारनपुर का निवासी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सुराग जुटाए और 1 फरवरी 2025 को उसे सहारनपुर उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया।
अकबर ने पूछताछ में बताया कि वह भी शेरखान के गिरोह का सदस्य है और उनके द्वारा किए गए सभी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल है। उसने स्वीकार किया कि गिरोह द्वारा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके जमीनों पर कब्जा करने का काम किया जाता है।
पुलिस अब उन सभी जमीनों और मकानों की जांच कर रही है, जिन पर इस गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा किया है।
अकबर का पूरा नाम मोहम्मद अकबर है, जो अब्दुल वहीद का पुत्र है और सहारनपुर में नूर बस्ती का निवासी है। उसकी उम्र 36 वर्ष है। पुलिस टीम में उ.नि. पी.डी. भट्ट (थानाध्यक्ष राजपुर), उ.नि. प्रवेश रावत, उ.नि. बलबीर सिंह और कां. सुशील शामिल हैं।
यह मामला केवल एक धोखाधड़ी का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग दूसरों की मेहनत की कमाई को ठगने के लिए जाल बुनते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण होती है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और समाज में विश्वास बना रहे।