आपकी कुंडली में बन रहा है ये खतरनाक योग, अगले 10 साल आपके लिए हो सकते हैं बुरे

शनि कि चाल से ही राशियों पर साढ़े साती का चरण शुरू होता है। शनि देव को राशि परिवर्तन करने में लगभग ढाई साल का समय लगता है। शनि के राशि बदलने से कुछ राशियों पर साढ़े साती शुरू होती है, कुछ की खत्म होती है, कुछ पर ढैया का प्रभाव रहता है तो कुछ पर शुभ दृष्टि भी रहती है।

इस समय कुंभ राशि में वक्री गति से शनि गोचर कर रहे हैं। शनि कि साढ़े साती कष्टकारी मानी जाती है। इस दौरान जीवन में दिक्कतों का आना-जाना लगा रहता है। आइए जानते हैं अगले 10 सालों में शनि देव का बुरा प्रभाव किन राशियों पर शुरू होगा साथ ही बचने के कुछ टिप्स-

शनि का प्रभाव 2024 में किस पर कैसा?

शनि ने पिछले साल 2023, में कुंभ राशि में गोचर किया था। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से मकर, कुंभ और मीन पर शनि की साढ़े साती चल रही है। कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि कि ढैया चल रही है।

2025 में शनि का प्रभाव किस पर कैसा?

साल 2025 में मार्च 29 को शनि देव मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के गोचर करते ही मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा, मीन राशि वालों पर दूसरा और कुंभ राशि वालों पर आखिरी चरण रहेगा। मकर राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।

2026 में शनि का गोचर

2026 में शनि राशि परिवर्तन नहीं करेंगे।

2027 में शनि का राशि परिवर्तन

शनि जून 3, 2027 के दिन मेष राशि में प्रवेश करेंगे। 2028 में शनि का कोई राशि परिवर्तन नहीं होगा।

2029 में शनि का राशि परिवर्तन

शनि का गोचर अगस्त 8, 2029 के दिन होगा। इस दिन शनि शुक्र की राशि में प्रवेश करेंगे। दृक पंचांग के अनुसार, फिर, शनि वक्री होकर मेष राशि में जाएंगे। फिर दोबारा शुक्र की राशि वृषभ में आएंगे। 2030 में शनि वृषभ राशि में रहेंगे। 2031 में शनि का गोचर अन्य राशि में नहीं होगा।

2032 में शनि का राशि परिवर्तन

बुध कि मिथुन राशि में शनि मई 31, 2032 के दिन गोचर करेंगे। 2033 में शनि राशि परिवर्तन नहीं करेंगे।

2034 में शनि का राशि परिवर्तन

शनि चंद्र देव की कर्क राशि में जुलाई 13, 2034 के दिन प्रवेश कर जाएंगे।

शनि साढ़े साती के दौरान क्या करें?

शनि की साढ़ेसाती चलने के वक्त शनि को खुश करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ और शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। संध्या के समय सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर पेड़ के समक्ष दीपक जलाएं।

शनिवार को पीपल के पेड़ और शमी के पेड़ में जल भी चढ़ाएं। रोजाना हनुमान चालीसा, शनि चालीसा और शिव चालीसा का पाठ करने से भी शनि देव को खुश किया जा सकता है। शनि की साढ़ेसाती के कष्ट से बचने के लिए शिव जी और हनुमान जी की विधिवत पूजा करें।

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