संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर रोक: प्रशासन की अधिसूचना ने बढ़ाई चिंता

अधिसूचना में विभिन्न मामलों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया गया है कि 2006 या 2016 से पहले दैनिक वेतन पर सेवारत कर्मचारियों को 10 वर्ष पूरे होने के बाद ही नियमित किया जाएगा।

कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

अनुबंध पर सेवारत कर्मचारियों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं होगा। केंद्रीय सेवा नियम लागू होने के बाद विभिन्न विभागों में अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर हाईकोर्ट और कैट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। शिक्षा विभाग भी वर्तमान में 990 पदों पर शिक्षकों की भर्ती कर रहा है। करीब 500 नियमित पदों पर रखे गए अनुबंध शिक्षकों ने 9 वर्ष बाद की जा रही भर्ती के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

8 अगस्त को होगी सुनवाई

याचिका पर 8 अगस्त को सुनवाई होगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अपना फैसला दिए जाने के बाद ही 990 पदों पर भर्ती सफल हो सकेगी और स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हो सकेगी। प्रशासन के कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में विभिन्न मामलों का हवाला देते हुए कहा गया है कि केवल दैनिक वेतन पर सेवा देने वाले कर्मचारियों को ही नियमित किया जाएगा।

लेकिन अनुबंध पर सेवा देने वाले कर्मचारियों को नियमित न करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। अनुबंध कर्मचारियों को नियमित न करने पर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी कोई जवाब नहीं दिया। वर्ष 2006 में उमा देवी जजमेंट के अनुसार 10 साल से अधिक समय तक अनुबंध पर सेवा देने वाले कर्मचारियों को नियमित करने का प्रावधान था।

अनुबंध पर सेवा देने वाले ऐसे कर्मचारियों को नियमित करने का प्रावधान था, जिनकी जरूरत स्थायी है, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने वर्ष 2016 में उमा देवी जजमेंट को लागू कर दिया और अनुबंध के बजाय केवल दैनिक वेतन पर सेवा देने वाले कर्मचारियों को ही नियमितीकरण का लाभ प्रदान किया गया।

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