Bank Employees 5 Days Working : बैंकों में काम का ज्यादा बोझ होने की वजह से कर्मचारियों को आराम नहीं मिलता. बैंकों से जुड़े कर्मचारी काफी दिनों से सप्ताह में 5 दिन काम करने की मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है.
कर्चमारियों की इच्छा है कि काम ज्यादा होने के चलते उन्हें सप्ताह में दो दिन का रेस्ट मिले, जिससे अपने परिवार और जरूरतमंद काम को आसानी से निपटवाया जा सके. इसका मतलब है कि सप्ताह में बैंक कर्मचारियों को दो दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.
भारतीय बैंक संघ और कर्मचारी यूनियनों के भी हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिन्हें अब जल्द ही मंजूरी मिल सकती है. सरकार की तरफ से मंजूरी देने का आदेश कब जारी होगा, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं.
केंद्र सरकार 23 जुलाई को अपना वित्तीय बजट पेश करने जा रही है, जिसमें यह बड़े चौंकाने वाले ऐलान हो सकते हैं. अगर सरकार ने भारतीय बैंक संघ के प्रस्ताव पर मुहर लगाई तो फिर शनिवार और रविवार दो दिन का अवकाश होना शुरू हो जाएगा.
हालांकि, प्रस्ताव को मजूरी मिलेगी या नहीं, अभी आधिकारिक रूप से किसी ने कुछ नहीं कहा है. मीडिया की खबरों में इस तरह के दावे किए जा रहे हैं.
सरकार आम बजट में दे सकती सौगात
सप्ताह में 5 दिन काम करने के नियम पर भारतीय बैंक संघ ने भी भरोसा दिखाया है, जिससे सर्विस पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा.
दिसंबर 2023 में भारतीय बैंक संघ के बीच एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर साइन करने का काम किया जा चुका है. इसमें निजी और सरकारी यूनियन दोनों शामिल किए गए हैं.
जानिए बैंक खुलने का क्या होगा नया समय?
एक रिपोर्ट की मानें तो अगर महीने में कर्मचारियों को दो अवकाश स्वीकृति दी जाती है तो फिर बैंक और ब्रांचों में कामकाज करने की समय सारणी में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.
सरकार अगर कर्मचारियों के इस प्रस्ताव को मजूर करती है तो प्रतिदन काम के 40 मिनट बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है.
बैंकों कामकाज के समय को रिवाइज करने का फैसला लिया जाएगा. फिलहाल, बैंक शाखाएं दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहती हैं.
बैंक यूनियनों ने साल 2015 से ही सभी शनिवार और रविवार की छुट्टी की मांग करते दिख रहे हैं. साल 2015 में हस्ताक्षरित 10वें द्विपक्षीय समझौते के तहत आरबीआई और सरकार ने आईबीए के साथ इच्छा जताई है. वहीं, दूसरे और चौथे रविवार को भी छुट्टी के रूप में घोषित करने का फैसला लिया गया था.