EPS Pension Scheme : ईपीएफओ के द्वारा अपने सब्सक्राइबर्स को समय-समय पर लाभान्वित करने के लिए सुविधाएं शुरु की जाती है। जिससे सब्सक्राइबर्स को आर्थिक रुप से मजबूत किया जा सके। आपको बता दें ईपीएफओ की पेंशन स्कीम के द्वारा रिटायर्ड कर्मचारियों को वित्तीय सेफ्टी दी जती है।
बहराल इस समय ईपीएस पेंशन धारकों को काफी बार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक ईपीएस पेंशन धारक के द्वारा कहा गया है कि ईपीएफओ में उनका पैसा सेफ है या फिर नहीं उनके द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही है।
ईपीएफ कर्मचारियों को हो रही समस्या
आपको बता दें ईपीएस घारकों को अपने पेंशन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। वह अपने ही पैसे के लिए सरकार के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। ऐसी स्थिति काफी चिंताजनक है।
अगर कोई कर्मचारी 30 से 35 सालों तक नौकरी करता है और कम पेंशन का लाभ प्राप्त हो रहा हो। वहीं पेंशनधारकों का ये भी कहना है कि उनका पैसा सेफ हैं अगर नहीं तो सीबीआई के द्वारा जांच की जाए।
वहीं काफी समय से सर्विस करने के बाद भी पेंशन की रकम में काफी कम मूल्य होता है। ये सोचने की बात है जब योगदान काफी क हैं तो इस स्कीम का लाभ क्या है।
वहीं पेंशन धारकों का मानना है कि उनकी पेंशन की रकम को वापस किया जाना चाहिए और उनको एक ऑप्शन पर निवेश करने का ऑप्शन मिलना चाहिए जिसके कि अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त हो सके।
ईपीएस पेंशन के लिए एक ऑप्शन भी दिया जाना चाहिए जिससे कि पेंशन धारक खुद ये तय कर सकें कि वह असल में इस स्कीम में रुचि ले रहे हैं।
पेंशनर्स के मन में ये सवाल जरुर उठता है कि उनकी मौत के बाद उनका कंट्रीब्यूशन उनके नॉमिनी शख्स को क्यों नहीं दिया जा सकता है।
सरकार को करना चाहिए ये काम
वहीं पेंशनर्स का कहना है कि सरकार को पेंशन की प्रक्रिया में सुधार लाना चाहिए। इसके साथ में ये भी बताना चाहिए कि उनका पैसा सेफ है। यदि कोई संदेह है तो इसकी सीबीआई जांच भी होनी चाहिए। ईपीएस स्कीम का लाभ और कंट्रीब्यूशन के मूल्य का मूल्यांकन भी होना चाहिए।
इसको ज्यादा लाभ और आकर्षक बनाने के लिए इसमें सुधार भी करने चाहिए।इसके अलावा पेंशनर्स को अपनी ही पेंशन रकम को ऑप्शनल इनवेस्टमेंट स्कीम में लगाने का ऑप्शन दिया जाना चाहिए।
इससे कि उनके बेहतरीन रिटर्न प्राप्त हो सके। ईपीएस पेंशन स्कीम के लिए साफ सुथरा ऑप्शन मिलना चाहिए। जिस कि पेंशन धारक अपनी रुचि के मुताबिक इसमें शामिल हो सकें।
अगर पेंशनधारक की मौत हो जाती है तो पूरी रकम को नॉमिनी को लौटाने की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके साथ पेंशनर्स की समस्याओं को ध्यान में रखकर सुधार करना चाहिए। जिससे कि जरुर समय में ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मजबूती प्राप्त कर सकें।