नई सुविधा शुरू होने के बाद आपका UPI अकाउंट क्रेडिट कार्ड की तरह काम करेगा, जहां ग्राहक अकाउंट में पैसे न होने पर भी आसानी से UPI पेमेंट कर सकेंगे। NPCI का कहना है कि अब यूजर्स का UPI अकाउंट क्रेडिट कार्ड की तरह काम करेगा और हर ग्राहक को उसके CIBIL स्कोर के हिसाब से क्रेडिट लाइन मिलेगी।
इस क्रेडिट का इस्तेमाल सिर्फ मर्चेंट्स के साथ ही किया जा सकेगा। इसके बदले में बैंक एक तय ब्याज भी वसूलेंगे। NPCI ने फिलहाल कई निजी और सरकारी बैंकों से बात की है, जिन्होंने इस पर सहमति भी जताई है।
इस सुविधा के लिए NPCI को अब तक ICICI बैंक, HDFC बैंक, PNB, इंडियन बैंक और एक्सिस बैंक से सहयोग मिल चुका है। दुकानदारों की भी समस्या हल ऐसा नहीं है कि इस सुविधा का लाभ सिर्फ ग्राहकों को ही मिलेगा, दुकानदारों को भी इसका फायदा मिलेगा।
फिलहाल, क्रेडिट कार्ड के जरिए 2 हजार से ज्यादा का पेमेंट करने पर दुकानदारों को करीब 2 फीसदी का चार्ज देना पड़ता है। यूपीआई में क्रेडिट लाइन मिलने के बाद इस तरह के चार्ज नहीं देने होंगे। यह अलग बात है कि कार्ड पर आपको कोई ब्याज नहीं देना पड़ता, जबकि यूपीआई की क्रेडिट लाइन पर आपको ब्याज देना होगा।
केवल खर्च की गई राशि पर ब्याज
यूपीआई में मिलने वाली क्रेडिट लाइन पर आपको तब तक कोई ब्याज नहीं देना होगा, जब तक आपने फंड का इस्तेमाल नहीं किया है। आपको केवल उस राशि पर ब्याज देना होगा, जितना फंड आप इस्तेमाल करेंगे। एक तरह से यह ओवरड्राफ्ट सुविधा की तरह काम करेगा। मान लीजिए आपको 20 हजार की क्रेडिट लाइन मिली और आपने सिर्फ 10 हजार का इस्तेमाल किया, तो आपको सिर्फ 10 हजार रुपये पर ही ब्याज देना होगा।
यूपीआई से होगी सभी समस्याओं का समाधान
आपको जानकर हैरानी होगी कि 8 साल पहले शुरू की गई यूपीआई सुविधा ने डिजिटल पेमेंट में डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को लगभग खत्म कर दिया है। अब यूपीआई में क्रेडिट लाइन मिलने से क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर लगाम लगेगी।
अमेजन की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले 53 फीसदी ग्राहक यूपीआई के जरिए पेमेंट करते हैं। 25 फीसदी ग्राहक ऑफलाइन शॉपिंग के लिए भी यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं, यूपीआई अब भारत की सीमाओं से आगे निकलकर 7 देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है।