Business Idea : इस अद्भुत पेड़ की खेती से कुछ ही सालों में बन जाएं मालामाल, कम निवेश में होगा अधिक लाभ

ज्यादातर लोग खेती करके पैसा कमाना चाहते हैं। ऐसे मैं अगर आप भी खेती करके पैसा कमाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए बड़े काम की है आज की इस खबर में हम आपके साथ जीकर करने जा रहे हैं सांगवान के पेड़ की खेती के बारे में। सागवान एक ऐसा पौधा है जिसमें दीमक नहीं लगती है। इसकी लकड़ी दूसरे पेड़ की तुलना में काफी हल्की होती है और इसकी मजबूती सालों बरकरार रहती है। सागवान को इमारती लकड़ी का राजा भी माना जाता है।

इसके पेड़ की लंबाई 70 फीट से अधिक होती है। किसान अपने खेत के चारों ओर 7 से 8 फीट की दूरी पर सागवान के पेड़ को जून-जुलाई के महीनों में लगा सकते हैं। सागवान का पेड़ 12 से 15 साल में तैयार हो जाता है और बाजार में आम लकड़ियों की तुलना में अधिक रेट भी मिलता है। यही वजह है छपरा के किसान बड़े पैमाने पर सागवान लगा रहे हैं।

10 से 12 साल में तैयार हो जाता है पेड़ 

किसानों की माने तो आम और शीशम के मुकाबले सागवान कम समय अच्छा मुनाफा देता है और इसमें खर्च भी कम होता है। किसान ने बताया कि सागवान उस भूमि पर लगा सकते हैं जहां पानी नहीं जमे। पानी अधिक दिन जमे रहने से पेड़ के सूखने की संभावना रहती है। 

सागवान हमेशा 8 से 10 फीट की दूरी पर ही लगाना चाहिए। इसका पौधा 10 से 20 रुपये में अपने नजदीकी नर्सरी से खरीद सकते हैं। पेड़ लगाने के बाद 2 से 3 महीने तक सप्ताह में कम से कम एक से दो बार सिंचाई करना जरूरी होता है। सागवान 10 से 12 साल में तैयार हो जाता है। हालांकि किसान चाहें तो इसे ज्यादा समय तक भी खेत में रख सकते हैं।

पौधा लगाते समय इन बातों का रखें ख्याल

किसान ने बताया कि सागवान की गुणवत्ता और पौधों के बीच अंतराल को भी ध्यान में रखा जाता है। सागवान की खेती के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करें और उसमें से खर-पतवार और कंकड़-पत्थर निकाल लें। इसके बाद उन जगहों पर गड्ढा खोदकर छोड़ दें

इससे फायदा यह हाेगा कि हनिकारक कीट नष्ट हो जाएगा। इसके बाद जून-जुलाई के महीनों में बारिश के समय प्रत्येक गड्ढ़े में अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद डालने के बाद सभी गड्ढों में कम मात्रा में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर पौध लगा सकते हैं। साथ हीं रोपाई करने के तुरंत बाद सिंचाई अवश्य करें।

सागवान की लकड़ी का रेट

किसान ने बताया कि सागवान की लकड़ी हल्की और मजबूत होती है। इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है। सागवान की लकड़ी का उपयोग पलंग, कुर्सी, घरों में दरवाजा और खिड़की बनाने एवं दुकानों में काउंटर बनाने सहित अन्य में उपयोग होता है। 

सागवान की लकड़ी से बने फर्नीचर की आयु लंबी होती है। बाजार में सागवान की लकड़ी का मूल्य 60 से 70 हजार रुपए प्रति घनमीटर है। जितना पुराना सागवान का पेड़ होगा उतना हीं रेट ज्यादा मिलता है। बाजार में इसकी डिमांड अधिक है।

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