EPFO का धमाका! कर्मचारियों की जेब में आएंगे लाखों रुपये, जानें कैसे

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. ईपीएफओ के नए सदस्यों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी हुई है. ईपीएफओ ने मई 2024 में 19.50 लाख सदस्यों को जोड़ा  है.  श्रम मंत्रालय की ओर से शनिवार को यह जानकारी दी.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अप्रैल 2018 में जब पहली बार पेरोल आंकड़े जारी हुए तब से समीक्षाधीन महीने में सबसे अधिक सदस्य बढ़े.   ईपीएफओ ने मई में शुद्ध रूप से रिकॉर्ड 19.5 लाख सदस्य जोड़े है.

 श्रम मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी और कहा कि  अप्रैल 2018 में जब पहली बार पेरोल आंकड़े जारी हुए तब से समीक्षाधीन महीने में सबसे अधिक सदस्य बढ़े। सालाना आधार पर विश्लेषण से पता चला कि मई 2023 की तुलना में शुद्ध रूप से सदस्य की संख्या 19.62 प्रतिशत बढ़ी.

ईपीएफओ ने कहा कि रोजगार के अवसरों में वृद्धि, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के प्रचार कार्यक्रमों के चलते यह वृद्धि हुई.आंकड़ों से पता चला कि मई 2024 के दौरान लगभग 9.85 लाख नए सदस्यों ने नामांकन कराया है.

अप्रैल 2024 के मुकाबले नए सदस्यों में 10.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और सालाना आधार पर इसमें 11.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मई 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों में 18-25 आयु वर्ग की 58.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

पेरोल आंकड़ों के मुताबिक लगभग 14.09 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर हो गए और बाद में फिर से शामिल हो गए. इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए. 

पेरोल आंकड़ों के लिंग-वार विश्लेषण से पता चला कि समीक्षाधीन महीने के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में लगभग 2.48 लाख महिला सदस्य थीं.  यह आंकड़ा मई 2023 की तुलना में 12.15 प्रतिशत अधिक है.  

इस दौरान शुद्ध रूप से 3.69 लाख महिला सदस्य शामिल हुईं.  पेरोल आंकड़ो के राज्यवार विश्लेषण से पता चला है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में सदस्यों की सबसे अधिक वृद्धि हुई.  

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