Gold Price Update : सोने की कीमतों में भारी उछाल! 8,400 रुपये महंगा हुआ सोना,जानिए ताजा अपडेट

सोने (Gold Rate Hike) ने साल की पहली छमाही में 13.37% रिटर्न दिया है जबकि निफ्टी में इस दौरान 10.5 प्रतिशत तेजी आई है। रुपये के लिहाज से देखें तो इस दौरान MCX गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में करीब 8,400 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है। 

दूसरी ओर देखें तो इस दौरान सेंसेक्स में 2,279 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। जुलाई का सोना वायदा 74,777 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था और अब यह 71,800 करोड़ रुपये के आसपास मंडरा रहा है। मध्य पूर्व में तनाव, चीन में सोने की मांग में तेजी और फेड ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण सोने की कीमत (Sone Ka taja Bhav) में तेजी देखने को मिली।

पिछले पांच सालों में सोने और निफ्टी  (gold and nifty) के पहली छमाही के प्रदर्शन को देखें तो गोल्ड ने काफी बेहतर रिटर्न दिया है। साल 2019 और 2023 के बीच, सोने का रिटर्न 4 मौकों पर सकारात्मक रहा है, जिसमें 2020 में सबसे ज्यादा (13.71%) और 2022 में सबसे कम (0.59%) रहा। 2021 में इसने 3.63 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है।

इसके विपरीत, nifty ने तीन मौकों (2019, 2021 और 2023) में सकारात्मक रिटर्न दिया है। इस दौरान 2021 की पहली छमाही में इसने 12 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया जो 2019 और 2023 के बीच 5 साल की अवधि में सबसे अधिक है। 2020 में, मार्च में कोविड 19 लॉकडाउन के कारण निफ्टी के स्तर में 15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 2022 की पहली छमाही में निफ्टी में 9 प्रतिशत की गिरावट आई।

कहां तक जाएगी कीमत

सोने (Gold Price) के प्रदर्शन के बारे में ऋद्धिसिद्धि बुलियन लिमिटेड के एमडी और आईबीजेए के राष्ट्रीय प्रमुख पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि फरवरी और अप्रैल के बीच 18 प्रतिशत की तेजी के साथ रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोना 71,000-72,000 रुपये के आसपास मजबूत हो रहा है। उक्त अवधि में इसमें 12,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आई है। 

कोठारी ने कीमतों में स्थिरता के लिए पर्याप्त ट्रिगर्स की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। कमजोर बुनियादी बातों और तकनीकी कारणों से अगले 1-2 महीनों में सोना 70,000 रुपये तक पहुंच सकता है। मध्यम से लंबी अवधि का नजरिया अभी भी सकारात्मक है और 2024 की आखिरी तिमाही में पीली धातु (sone ka bhav) नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकती है।

कोठारी ने कहा कि साल के अंत तक 75,000 रुपये से 77,000 रुपये के लक्ष्य के लिए 70,000 रुपये के आसपास की गिरावट पर खरीदारी की जाए।

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