खुशखबरी! कर्मचारियों के वेतन में इतने हज़ा की वृद्धि का प्रस्ताव, जल्द होगा फैसला

EPFO NEWS UPDATE : 23 जुलाई को पेश होने वाला पूर्ण बजट देश में कई वर्गों के लिए किसी सौगात की तरह साबित होने की उम्मीद लगाई जा रही है. केंद्र सरकार की तरफ से कुछ ऐसे ऐलान किए जाने की उम्मीद है, जिनका फायदा बड़ी संख्या में कर्मचारियों को मिलने जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईफीएफ में योगदान के लिए न्यूनतम वेतन सीमा में इजाफा किया जाना संभव माना जा राह है.

कयास लगाए जा रहे हैं कि इसे 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया जा सकता है, जो किसी बड़े तोहफे की तरह है. ऐसे कर्मचारियों का आर्थिक स्तर में सुधार के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से इसका प्रस्ताव भी बना लिया गया है.

पेश होने वाले आम वित्तीय बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है.सरकार ने ऐसा किया तो फिर कर्मचारियों को कुछ राहत जरूरी मिलेगी. सरकार एक दशक बाद नियमों में संशोधन का प्लान बना रही है. इससे पहले साल 2014 में इसकी सीमा में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया गया था.

उस समय इसे बढ़ाकर साढ़े छह हजार से सीधे 15,000 रुपये कर दिया गया था. अब इसमें भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. हालांकि, अभी श्रम रोजगार मंत्रालय की तरफ से भी ऑफिशियली तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.

केंद्र सरका एक दशक यानी दस वर्ष बाद नियमों में बदलाव करने जा रही है. कर्मचारियों का सामाजिक स्तर घेरा बढ़ाने के लिए श्रम मंत्रालय की ओर से इसका खाका तैयार कर लिया गया है.

आखिरी बार दस साल पहले 1 सितंबर 2024 को वेतन सीमा में बढ़ोतरी की गई की गई थी. उस समय इसे बढ़ाकर 6500 रुपये से इजाफा कर सीधे 15,000 रुपये कर दिया गया था.

इस हिसाब से इसमें करीब 85,00 रुपये का इजाफा किया गया था. अब इसे सीधे 25,000 रुपये करने की तैयारी चल रही है. इस हिसाब से करीब इसमें 10,000 रुपये का इजाफा कर दिया जाएगा.

वर्तमान में श्रम रोजगार मंत्रालय के जो नियम हैं, उनके अनुसार कर्मचारी और कंपनी दोनों को ईपीएफ अकाउंट में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और प्रतिधारण भत्ता का 12-12 प्रतिशत योगदान करना होता है. इसके साथ ही जहां कर्मचारी का पूरा योगदान भविष्य निधि अकाउंट में जमा कराने का काम होता है.

इसके साथ ही कंपनी का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में चला जाता है. इसके अलावा शेष 3.67 प्रतिशत पीएफ अकाउंट में जमा हो जाता है. इस सब राशि का कर्मचारी कभी भी इस्तेमाल कर लेते हैं.

जरूरत के हिसाब से ईपीएफओ में अप्लाई करने के बाद पैसा प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, मौजूदा समय में बेसिक पे सीमा 15 हाजर रुपये होने पर कर्मचारी और कंपनी का योगदान 1800 रुपये है.

इसके साथ ही ईपीएस 1250 रुपये जाते हैं. बाकी 750 रुपये पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर होते हैं. अगर मूल सैलरी सीमा 25,000 रुपये कर दी गई तो फिर प्रत्योग का योगदान 3,000 रुपये करने का फैसला लिया जाएगा. इससे कर्मचारियों को बड़े फायदे होंगे, जो महंगाई में किसी बूस्टर डोज की तरह काम करेंगे.

Leave A Reply

Your email address will not be published.