टैक्स स्लैब से कम आय? ITR न भरने से हो सकता है नुकसान, जानिए फायदे!

बहुत से लोगों का ये मानना है कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR filling) उन्हें फाइल करना चाहिए जो टैक्स का भुगतान करते हैं। मतलब कि जिनकी सैलरी टैक्स स्लैब (Tax Slab) जितनी है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नही है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR file)फाइल करना केवल टैक्सपेयर्स की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन व्यक्तियों को भी आईटीआर फाइल करना चाहिए जिनकी सैलरी निर्धारित टैक्स स्लैब (Tax Slab 2024) जितनी नहीं है। आपको बता दें कि इस प्रकार के रिटर्न फाइस तो जीरो आईटीआर या फिर Nil ITR कहते हैं।

वह व्यक्ति जिसकी सालाना इनकम टैक्सेबल जितनी नहीं वह ही Nil ITR फाइल करता है। जीरो रिटर्न (Zero Return file) फाइल करना अनिवार्य नहीं है,लेकिन अगर आप इसे फाइल करते हैं तो आपको बहुत लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 (बुधवार) है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि जीरो रिटर्न के फायदे के बारे में जानते हैं।

Loan मिलने में होगी आसानी

जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप जीरो रिटर्न फाइल (zero return file) करते हैं तो आपको आसानी से लोन मिल जाएगा। जब आप लोन लेने जाते हैं तो वित्तीय संस्थान आपसे इनमक प्रूफ (Income Proof) मांगते हैं। आप इनकम प्रूफ के तौर पर पिछले 3 सालों का आईटीआर कॉपी जमा कर सकते हैं। आईटीआर भी इनकम प्रूफ के तौर पर काम (ITR also works as income proof) करता है।

आसानी से मिले जाएगा कहीं का भी Visa

अगर आप कहीं दूसरे देश में जाने का सोच रहे है तो दुनिया के कई विकसित देशों में वीजा के लिए आईटीआर की कॉपी मांगते (Asking for copy of ITR for visa) हैं। आईटीआर के जरिये वह व्यक्ति का फाइनेंशियल स्टेटस चेक करते हैं। अगर आप कोई जॉब नहीं करते हैं और अमेरिका जैसे विकसित पश्चिम देश जा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आप अपने माता-पिता के आईटीआर कॉपी दे सकते हैं।

बीमा पॉलिसी खरीदने में लाभकारी

बता दें कि 50 लाख रुपये से ज्यादा की बीमा पॉलिसी (buying Insurance Policy) खरीदने पर भी कंपनी आईटीआर की कॉपी मांगती है। एलआईसी (LIC) में 50 लाख रुपये से ज्यादा के टर्म पॉलिसी (Term Policy) लेने पर आईटीआर मांगती है। दरअसल, आईटीआर से पता चल जाता है कि पॉलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान करने के योग्य है या नहीं।

ऐसे बन जाएगा आपका एड्रेस प्रूफ

वर्तमान समय में ऑनलाइन आईटीआर फाइल (online itr file) होता है, लेकिन अगर आप मैनुअली रिटर्म फाइल करते हैं तो आईटीआर की कॉपी आपके रजिस्टर्ड एड्रेस पर आता है। इस तरह आईटीआर आपका एड्रेस प्रूफ भी बन जाता है।

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