भारतीय रिजर्व बैंक हमेशा देश के सभी बैंकों पर निगरानी रखता है। ऐसे में अगर बैंक कोई भी ऐसा काम करते हैं जो आरबीआई के नियमों या गाइडलाइन (RBI guidelines for banks) के अनुसार गलत होता है तो उस बैंक पर आरबीआई एक्शन ले सकता है। वित्तीय प्रबंधन ठीक से न होने पर भी आरबीआई संज्ञान ले सकता है व कार्रवाई करते हुए बैंक का लाइसेंस तक रद्द कर सकता है।
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने आंध्र प्रदेश के एक प्राइवेट बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। जिन लोगों के इस बैंक (RBI Cancel Licence of bank) में अकाउंट थे, उन्हें अपने पैसे को लेकर टेशंन होने लगी है कि वापस मिलेंगे या नहीं। अगर मिलेंगे तो कितने रुपये मिलेंगे। RBI ने इसे लेकर आदेश जारी किये हैं। आइए विस्तार से जानते हैं भारतीय रिजर्व बैंक के इस फैसले के बारे में।
जानिये क्या है लाइसेंस रद्द करने की वजह
बेहद कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए हाल ही में RBI ने आंध्र प्रदेश के दुर्गा कोऑपरेटिव अर्बन बैंक (Durga Cooperative Urban Bank in Andhra pradesh) के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। सही से वित्तीय प्रबंधन न होने के कारण बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के नियमों के तहत लिया है। इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं न होने की वजह से रिजर्व बैंक को ये फैसला लेना पड़ा। RBI के मुताबिक अगर कोई ग्राहक इस बैंक में अपना अकाउंट रखता है तो ये उनके लिए काफी जोखिम भरा और खतरनाक हो सकता है।
ग्राहकों को मिलेगा इतना पैसा वापस
बैंक के बंद हो जाने के बाद RBI ने बैंक में लोगों के जमा पैसों को लेकर भी निर्देश (License of private bank canceled by RBI) जारी किया है। आपको बता दें कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के एक सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के एक रजिस्ट्रार को बैंक को बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक अब हर ग्राहक को जमा या फिर बिमा राशि (RBI Cancelled License of Durga Co-op Urban Bank) पर गारंटिड रिटर्न दे रही है। नियम के मुताबिक 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि पर आपको रिर्टन मिलने वाला है।
बैंक की थी कमजोर वित्तीय स्थिति
इसके साथ ही में बैंक के द्वारा RBI को दिखाए गए आंकड़ों के मुताबिक बैंक के पास 95.8 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। जानकारी के मुताबिक DICGC ने कुल बीमित जमा राशियों में से 9.84 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। हालांकि ये फैसला आरबीआई की ओर से मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के प्राइवेट बैंक दुर्गा कोऑपरेटिव अर्बन बैंक (RBI action on Durga Co-op Urban Bank) की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया है।