लोन रिकवरी एजेंट्स की दुर्व्यवहार और मनमानी से पीड़ित लोगों की संख्या बहुत अधिक है। सरकार और आरबीआई की बहुत सी कोशिशों के बावजूद, ऐसे मामले कम नहीं हो रहे हैं। वित्त मंत्री ने (Loan Recovery by banks) पीड़ित को लोन रिकवरी के एक नवीनतम मामले में समर्थन दिया है।
आज हम आपको इस खबर के माध्यम से लोन रिकवरी से जुड़ी कुछ बाते बताने जा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
लोन रिकवरी एजेंट कर रहे परेशान
X पर एक सोशल मीडिया यूजर से लोन रिकवरी एजेंट से परेशान होने की बात बताई। यूजर ने वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय को भी अपने पूर्व (fake Loan Recovery agents) पोस्ट में टैग किया।
तत्काल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूजर की शिकायत का संज्ञान को लेकर वित्तीय सेवा विभाग को पूरी जांच करने का निर्देश दिया।
फाइनेंस कंपनी से जुड़ा है मामला
यूजर ने अपने पोस्ट में बताया कि एक फाइनेंस ऐप है के द्वारा यूजर को परेशान किया जा रहा है। जबकि उनहोंने उनसे कोई लोन नहीं लिया है। उनसे किसी ने लोन लिया है और (Finance Minister on Loan Recovery agents) यूजर का नंबर दे दिया है, वो भी बिना यूजर की जानकारी के।
यूजर ने आखिर में कहा कि कृपया मदद करेंद्ध मुझे लगातार कॉल आ रहे हैं और टॉर्चर किया जा रहा है। रिकवरी एजेंट अभद्र भाषा में बात कर रहे हैं।
जानें क्या है इसपर डीएफएस का कहना
Finance Minister ने पोस्ट का संज्ञान लेते हुए DFS से जांच करने को कहा। उस पोस्ट पर उत्तर देते हुए वित्तीय सेवा विभाग ने कहा कि उन्होंने फाइनेंस कंपनी से बातचीत की और (Loan Recovery agents) उचित कार्रवाई की मांग की।
मामला जल्द ही हल होगा। परीक्षण में पता चला कि व्यक्ति ने नवीनतम फाइनेंस से कोई लोन नहीं लिया था, लेकिन फिर भी रिकवरी एजेंट ने उसे फोन करके परेशान कर रहे हैं।
लोकसभा में भी उठाया गया मुद्दा
रिकवरी एजेंट के व्यवहार पर वित्त मंत्री ने पहले भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पिछले साल लोकसभा में उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए सभी बैंकों को लोन रिकवरी में (finace minister of india) कठोर निर्णय से बचने की सलाह दी।
उस समय, उन्होंने कहा कि बैंकों से लोन प्राप्त करने में असंवेदनशीलता की शिकायतें मिल रही हैं। सरकार ने आरबीआई को इसके बाद बैंकों को दिशा-निर्देश दिया है।