इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) दाखिल करने की अंतिम तारीख करीब है। 31 जुलाई 2024 तक बिना किसी शुल्क के इनकम टैक्स रिटर्न भरा जा सकता है। अगर आप भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने जा रहे हैं तो जान लीजिये कि आईटीआर भरते समय की गई कुछ गलतियां आप पर भारी पड़ सकती हैं।
आयकर विभाग का क्या है नियम?आयकर विभाग (Income tax department) के नियम के अनुसार अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय कोई गलत जानकारी देते हैं या सोर्स ऑफ इनकम या फिर इससे संबंधित किसी भी तरह की जानकारी छुपाते हैं तो आयकर विभाग आपको नोटिस (Income Tax Notice) भी भेज सकता है और आप पर कार्रवाई भी कर सकता है।
इस कार्रवाई के तहत दोषी पाए जाने पर जुर्माने से लेकर जेल तक का प्रावधान है। ऐसे में अगर आप भी आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं तो यहां बताई गईं गलतियां बिल्कुल न करें।
ITR फाइल करते समय न करें ये गलतियां :
सही ITR फॉर्म चुनें
आईटीआर दाखिल करते समय सही ITR फॉर्म चुनें। आईटीआर फॉर्म का चुनाव अपनी आय और इनकम के सोर्स के आधार पर करें क्योंकि गलत ITR फॉर्म भरने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।
सही व्यक्तिगत जानकारी दें
आईटीआर भरते समय अपनी व्यक्तिगत जानकारियां एकदम सही-सही दें। आपका नाम, पैन कार्ड डिटेल्स, आधार कार्ड डिटेल्स, बैंक अकाउंट की डिटेल्स, घर का एड्रेस आदि सभी डिटेल्स को ठीक-ठीक भरें।
आजकल सभी जानकारियां विभाग के पास किसी न किसी दस्तावेज के माध्यम से सेव रहती हैं। ऐसे में आपकी एक गलती आपको बड़े मुसीबत में डाल सकती है।
इनकम की पूरी जानकारी दें
इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय अपनी आय और आय के स्रोत की सही जानकारी दें। अपनी सैलरी, किसी भी सोर्स से आ रहे ब्याज, किराये से होने वाले आय, कैपिटल गेन सहित किसी भी तरह के आय और उसके स्रोत की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य है। अगर आपने कोई आय या स्रोत छुपाई तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।
TDS क्रेडिट की जानकारी दें
आपकी कंपनी की तरफ से दिए गए फॉर्म 16/16 A से टीडीएस की सभी जानकारी अपने आईटीआर फॉर्म में जरुर दिखाएं। अगर आप इसे छुपाते हैं तो आप पर कार्रवाई की जा सकती है।
इंवेस्टमेंट की सही जानकारी दें
इनकम टैक्स अधिनियम 80सी, 80डी, 80जी के तहत टैक्स में बेनिफिट लेने के लिए आपको अपने सभी इन्वेस्ट जैसे- एसआईपी, एफडी, पॉलिसी सहित अपने खर्चे और कटौती की पूरी जानकारी दें।
ब्याज से होने वाले इनकम की जानकारी दें
अगर आपने कहीं ऐसी जगह इन्वेस्ट किया है जहां से आपको ब्याज से इनकम हो रही है तो इसकी भी पूरी जानकारी दें। अगर आप इसकी जानकारी छुपाते हैं या गलत जानकारी देते हैं तो आप पर कार्रवाई की जा सकती है।
फॉर्म 26AS का मिलान करना अनिवार्य
आईटीआर (ITR) दाखिल करते समय दी गई जानकारियों को फॉर्म 26AS के साथ मिलान जरुर करें। दरअसल, फॉर्म 26AS में आपके टैक्स भुगतान, TDS और बाकी आयकर से संबंधी जानकारियां दी गई होती हैं।
अपनी आय और निवेश का प्रमाण रखें
आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करते समय दी गई जानकारियों जैसे- आपकी आय, आय के स्रोत, किसी भी तरह का इन्वेस्टमेंट, टैक्स में कटौती, रेंट और ब्याज से होने वाले इनकम से जुड़े सभी डाक्यूमेंट्स, रसीदों या किसी भी तरह के प्रमाणों को संभाल कर रखें। ताकि आगे किसी भी तरह की जांच में इसकी जरूरत पड़े तो आपके पास सभी प्रमाण हों।
समय पर दाखिल करें ITR
आयकर विभाग हर वित्तीय वर्ष (financial year) के लिए ITR भरने के लिए एक तय सीमा देता है। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि समय पर आईटीआर दाखिल करने से आप अपने ITR फॉर्म को लास्ट डेट से पहले संशोधित कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, आईटीआर देर से फाइल करने पर आपको जुर्माना लग सकता है और लेट फीस देना पड़ सकता है।
10 ITR वेरीफाई जरुर करें
ITR दाखिल करने के बाद समय पर उसे वेरीफाई जरुर करें। ध्यान रहे कि आईटीआर वेरीफाई न करने पर आपका आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) अमान्य हो जाता है।
ऑनलाइन ITR दाखिल करने के बाद इसे तय सीमा के भीतर नेट बैंकिंग या आधार आदि के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से या आयकर विभाग को हस्ताक्षर के साथ अपने ITR की फिजिकल कॉपी भेजकर वेरीफाई करना अनिवार्य होता है।