Tax Saving Tips: मासिक इनकम 70,000 होने के बाद भी नहीं देना होगा आपको कोई टैक्स, जानिये कैसे

साल 2020 में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स कैलकुलेट करने के लिए नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) का ऐलान किया था, लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था को भी बरकरार रखा थाI इसके बाद, साल 2023 में नई टैक्स व्यवस्था में बदलाव भी किए गए, और अब ₹7,00,000 रुपये या उससे कम सालाना आमदनी होने पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87ए के तहत रिबेट हासिल हो जाता है, और कोई टैक्स (how to save tax) नहीं चुकाना पड़ता. लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था में धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट सिर्फ़ उन्हें हासिल होती है, जिनकी करयोग्य आय, यानी टैक्सेबल इनकम ₹5,00,000 से कम होती है.

New Tax Regime में इनको भी देना पड़ेगा टैक्स

अब स्थिति यह है कि अगर आप हर महीने ₹62,500 कमाते हैं, तो आपकी सालाना आमदनी ₹7,50,000 हो जाएगी, और नई टैक्स व्यवस्था के तहत ₹50,000 की मानक कटौती (Tax saving tips 2024) घटाने के बाद आपकी करयोग्य आय, यानी टैक्सेबल इनकम ₹7,00,000 रह जाएगी, और इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87ए के तहत मिलने वाली रिबेट के ज़रिये आपका टैक्स शून्य हो जाएगा, लेकिन अगर आपकी आय एक रुपया भी (new tax regime benefits) ज़्यादा हो जाती है, यानी आप ₹62,501 भी हर माह कमाते हैं, तो आपको टैक्स स्लैब के मुताबिक ही टैक्स चुकाना होगा, जो हज़ारों में बनेगा.

Old Tax Regime में  ऐसे बचा सकते हैं टैक्स

लेकिन अब आपको बताते हैं पुरानी टैक्स व्यवस्था के बारे में, जहां किराये के मकानों में रहने वाले करदाता कुछ खास (old tax regime benefits) मदों में बचत कर ₹70,000 मासिक, यानी ₹8,40,000 सालाना तक की आय के बावजूद शून्य टैक्स अदा करेंगे.आइए करते हैं हिसाब-किताब.

HRA Exemption कैसे करें हासिल

जिनकी मासिक आय ₹70,000 होती है, तो आमतौर पर उनका मूल वेतन (Basic Salary) ₹24,500 और मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance) ₹12,250 होता है. इस लिहाज़ से अगर करदाता हर महीने मकान मालिक को ₹15,000 किराया देता है, तो सालाना ₹1,47,000 पर टैक्स से छूट (HRA Exemption rules) हासिल कर सकता है.

80C के तहत कर सकते है बचत

इसके अलावा इस वेतन में से उसका प्रॉविडेंट फ़ंड भी कटता होगा, जो आमतौर पर मूल वेतन का 12 फ़ीसदी होता है, सो, इस केस में यह रकम ₹2,940 प्रतिमाह या ₹35,280 वार्षिक होगी, जो इनकम टैक्स एक्ट (Tax saving act) की धारा 80सी के तहत करमुक्त हो सकती है. अब इस करदाता को धारा 80सी के तहत ही पूरे साल में ₹1,14,720 की बचत और करनी होगी, जो पीपीएफ़ (PPF), सुकन्या समृद्धि खाता (SSA), बच्चों की ट्यूशन फ़ीस, जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम आदि जमा कर की जा सकती है. इस तरह धारा 80सी के अंतर्गत मिलने वाली अधिकतम, यानी ₹1,50,000 (Tax saving hacks) पर छूट हासिल की जा सकती है.

टैक्सेबल इनकम ₹5,00,000 से कम हो जाएगी 

अब इस शख्स ने ₹1,47,000 की HRA Exemption हासिल कर ली है, और ₹1,50,000 की छूट धारा 80सी के तहत, सो, अब अगर यह पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करता है, तो इसकी कुल आय में से इन दोनों छूट की रकम के अलावा ₹50,000 की मानक कटौती (Standard Deduction) भी घटाई जाएगी, यानी कुल आय में से कुल कटौती ₹3,47,000 हो जाएगी, जिसके बाद टैक्सेबल इनकम ₹4,93,000 रह जाएगी, जिस पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट के बाद शून्य टैक्स अदा करना होगा.

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