सभी के पास अपनी कोई ना कोई ऐसी कीमती चीज जरूर होती है, जो हमें बेहद अजीज होती है। हम हर कीमत पर उसको सुरक्षित रखना चाहते हैं। यह चीज कुछ भी हो सकती है, जैसे कि जमीन जायदाद से जुड़े दस्तावेज, गहने या फिर कुछ और।
इन चीजों को बेहद सुरक्षित जगह पर रखना चाहते हैं। मतलब कि जहां परिंदा भी पर ना मार सके। तो ऐसी जगह के बारे में ही आज हम आपको बताने वाले (Bank locker rules) है।
अगर आप भी अपनी कीमती चीजों जैसे कि कीमती गहनों और कागजात के लिए ऐसा ठिकाना खोज रहे हैं, तो बैंक लॉकर (Bank Locker) आपके काम की चीज हो सकती है।
इसकी मजबूत सुरक्षा के चलते ही इसे सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) भी कहा जाता है। आइए जान लेते हैं कि बैंक लॉकर में कौन-सी चीजें रखी जा सकती हैं और कौन-सी नहीं। इसका चार्ज क्या होता है। साथ ही ये भी जान लेते है कि इसमें सुरक्षा का क्या इंतजाम होता है।
बैंक लॉकर के लिए कितना लगता है चार्ज?
लॉकर के लिए कितना चार्ज (Locker charges) लगता है यह चीज काफी हद तक लॉकर की साइज और बैंक की लोकेशन पर निर्भर होती है। चार्ज भी बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होता है।
उदाहरण के तौर पर, देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI अपने स्मॉल लॉकर रेंट चार्ज के रूप में शहरी और मेट्रो ग्राहकों से 2000 रुपये +जीएसटी वसूलता है। वहीं ग्रामीण और अर्ध-शहरी ग्राहकों के लिए यह रकम 1500 रुपये +जीएसटी हो जाती है।
बता दें कि सबसे बड़े यानी एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर (extra locker charges) के लिए SBI शहरी और मेट्रो ग्राहकों से 12,000 रुपये +जीएसटी चार्ज करता है।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी ग्राहकों के लिए यह रकम 9,000 रुपये +जीएसटी है।जानिए बैंक के लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं?
जानकारी के लिए बता दें कि बैंक लॉकर सिर्फ वैध काम के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। यानि कि इसमें हथियार, विस्फोटक या फिर ड्रग्स कतई नहीं रखी जा सकती।
आप इसमें गहने और दस्तावेज जैसी कीमतें चीजें तो रख सकते हैं, पर कैश नहीं। अगर कोई सड़ने वाली चीज है, तो वह भी लॉकर में नहीं रखी जा सकती है।
बैंक लॉकर की सेफ्टी के क्या हैं इंतजाम ?
बैंक के लॉकर (Bank Locker) को खोलने के लिए दो चाबियां लगती हैं। एक कस्टमर के पास होती है, दूसरी बैंक मैनेजर के पास। यदि आपको लॉकर खोलना है, तो दोनों चाबियां एकसाथ लगानी होंगी।
चाबी खो गई तो क्या करें
अगर आपके लॉकर की चाबी (locker key) खो जाती है तो आपको फौरन बैंक को जानकारी देनी होगी, साथ में FIR भी कराना होगा। इस सूरत में बैंक आपको लॉकर की डुप्लीकेट चाबी बनवाकर दे सकता है। लेकिन, इसमें लॉकर के मिसयूज होने का खतरा रहता है।
दूसरी ऑप्शन के तौर पर बैंक आपके लॉकर तोड़कर सामान नए लॉकर में शिफ्ट कर देगा। लेकिन, लॉकर तोड़ने से मरम्मत तक सारा खर्च ग्राहक को उठाना पड़ सकता है।
क्या बैंक खुद तोड़ सकता है लॉक
यदि किसी भी शख्स पर क्रिमिनल केस चल रहा, तो जांच के तौर पर उसके लॉकर को पुलिस की मौजूदगी में ही तोड़ जा सकता है। अगर लॉकर का लंबे वक्त तक रेंट नहीं चुकाया जाता या वह इन-ऑपरेटिव रहता है, तो भी बैंक उसे तोड़कर अपने रेंट की रिकवरी कर सकता है।