Diwali Lakshmi Puja Muhurat : इस साल दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 3:45 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 5:54 बजे समाप्त होगी।
खास बात यह है कि इस दिवाली पर कई ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे पूजा का प्रभाव और भी अधिक फलदायक होगा।
महालक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
अमावस्या की रात स्थिर लग्न में महालक्ष्मी की पूजा करने से घर में लक्ष्मी की स्थिरता बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्थिर लग्न वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ होते हैं।
इसके अलावा पूजा के लिए लाभ की चौघड़िया और अमृत काल को अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप इन मुहूर्तों में पूजन करेंगे, तो धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति पूरे वर्ष बनी रहेगी।
ग्रहों का दिवाली पर प्रभाव
इस दिवाली सूर्य, मंगल और बुध सभी तुला राशि में एक साथ रहेंगे, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक फल देने वाला है।
कर्क राशि: गुरु का उच्च गोचर बन रहा है, जिससे हंस महापुरुष योग बनेगा और धन-संपत्ति में वृद्धि होगी।
सिंह राशि: सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा, जो नेतृत्व क्षमता, बुद्धि और सफलता को बढ़ावा देगा।
कन्या राशि: शुक्र और चंद्र की युति से रिश्तों में प्रेम, मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होगी।
पूजन के लिए शुभ समय
- गोधूलि संध्या- शाम 05:46 पी एम से 06:12 पी एम
- प्रदोष काल – 05:46 पी एम से 08:18 पी एम
- वृषभ लग्न- शाम 7:16 से 9:09 तक
- मिथुन लग्न आरंभ- शाम 9:10 से 11:22 मिनट तक
- सिंह लग्न: रात्रि के 01:19 से रात्रि के 03:56 तक
- लाभ की चौघड़िया- शाम 9:30 से 11:29 रात्रि
- शुभ की चौघड़िया- 01:03 से रात्रि के 02:37 तक
- अमृत काल- 02:37 मिनट से प्रातः 4:11 मिनट तक
इन किसी भी समय में महालक्ष्मी पूजा करने से घर में धन-समृद्धि, ऐश्वर्य और खुशहाली बनी रहती है।
कैसे करें पूजा?
घर को साफ-सुथरा और सुशोभित करें। मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
दीप, अगरबत्ती, फूल और मिठाइयाँ अर्पित करें। मंत्रों और श्लोकों का जाप करते हुए पूजा करें।
पूजा के बाद दान और अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिवाली, ग्रहों के शुभ संयोग और सही मुहूर्त में पूजा करके आप पूरे वर्ष धन, सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति सुनिश्चित कर सकते हैं।
