नई दिल्ली। दुनिया (world) में जहां विकसित और विकासशील देश (developing countries) में करोड़ों टन खाद्यान्न (food grains) बर्बाद (wasted) होता है, वहीं दुनिया (world) के गरीब देशों (poor countries) के 83 करोड़ लोग भूखे (hungry) सोते हैं। इनमें भारत ( India) में ही 19 करोड़ लोगों को रात का खाना नसीब नहीं होता और भूखे सोने पर मजबूर होना पड़ता है।
नेशनल हेल्थ सर्वे (National Health Survey) की रिपोर्ट में चीन (China) के बाद भारत ऐसा दूसरा देश है, जहां ज्यादा खाद्यान्न बर्बाद होता है। चीन में हर साल 9.6 करोड़ टन तो भारत में 6.87 करोड़ टन खाना कीमत 92 हजार करोड़ रुपए बर्बाद होता है।
तीसरे नंबर पर अमेरिका है, जहां 1.93 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है, जबकि दुनिया (world) की आबादी के 10 प्रतिशत, यानी 83 करोड़ लोगों को रात का खाना नसीब नहीं होता।
खाद्यान्न बर्बादी के कारण
खराब भंडारण, संचालन, गलत लेबलिंग और अस्थिर कृषि पद्धति। वहीं घरों में एक साथ ज्यादा खरीददारी और उसे रखने में बरती गई लापरवाही के कारण खाद्यान्न ज्यादा बर्बाद होता है।
बर्बादी रोकने के उपाय
– रीयूज का सही तरीका अपनाएं
– खाने को तरीके से स्टोर कर रखें
– घर-होटलों में खाना कम फेंकें
– प्लेट में झूठा न छोड़ें
– दूसरों को खाने की बर्बादी से रोकें
– विकसित देश गरीब देशों को अनाज भेजें।