बड़े पैमाने पर लगाई गई बैम्बू लाइटों व गोबो प्रोजेक्टर लाइटों को लगाने वाली कंपनी की तहरीर पर मुकदमा पहले ही दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अब मंडलायुक्त व अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष गौरव दयाल ने दो टूक शब्दों में चोरी की संभावना से इनकार करते हुए मामले की जांच की बात कही है।
प्रशासन ने लाइटों की कथित ‘बड़ी चोरी’ के संबंध में धोखाधड़ी के आरोप में ठेकेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। उधर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर बुधवार की शाम को एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए चुटकी ली है।
रामपथ पर विभिन्न पेड़ों पर बांस की डोल्चियों के मुख्य बेस पर बनाई गई खूबसूरत 6400 लाइटें लगाई गई थीं। इन लाइटों के एक साथ जगमग करने से रामपथ की खूबसूरती अलग ही छटा बिखेर रही थी। वहीं भक्ति पथ पर हनुमानगढ़ी मुख्य चौराहे पर ऊपर से लेजर किरणों के माध्यम से सड़क पर खूबसूरत रंग बिरंगी डिजाइन से बीम रौशनी फेंकने वाली 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें लगाई गई थीं।
कंपनी की तरफ से शेखर शर्मा पुत्र बलराज शर्मा निवासी 100 प्रेम नगर हिसार हरियाणा ने मेसर्स यश इण्टरप्राइजेज एवं कृष्णा आटो मोबाइल के प्रतिनिधि के तौर पर थाना रामजन्मभूमि में मुकदमा दर्ज कराया।
उसका आरोप है कि हमारी फर्मों द्वारा अयोध्या विकास प्राधिकरण के वर्क आर्डर के तहत रामपथ के पेड़ों पर 6400 बैम्बू लाइट एवं भक्तिपथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें लगायी गयी थी। दिनांक 19 अप्रैल तक सभी लाइटे पूरी थी। कहा कि 9 मई को निरीक्षण करने पर पाया गया कि कुछ लाइटे कम है। दावा किया गया कि यह अब तक करीब 3800 बैम्बू लाइट तथा 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें किसी अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर ली गयी हैं।
एक बयान में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडे ने कहा कि अयोध्या में सौंदर्यीकरण के तहत, पेड़ों पर 2600 बांस की लाइटें लगाई गई हैं। इसके अलावा, एडीए द्वारा किए गए सत्यापन में बांस की लाइटें लगाई नहीं पाई गईं। जिन 3800 लाइटों को विक्रेता द्वारा चुराया जाना बताया जा रहा है, वे अतिरिक्त भुगतान पाने के लिए अपने बचाव और प्रस्तुति में गलत बयान दे रहे हैं।
अयोध्या मंडलायुक्त और अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष गौरव दयाल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।उन्होंने कहा कि हमने सरकार को धोखा देने के आरोप में ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया है।