भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा में हुए बदलाव के बाद मचे घमासान को शांत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने महिला मोर्चे में हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है और आगामी आदेशों तक मोर्चों व प्रकोष्ठों में बदलाव पर रोक लगा दी है। लोकसभा चुनाव के बाद कई प्रत्याशियों द्वारा जिला अध्यक्षों तथा अन्य पार्टी पदाधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें दी गई थी।
इन शिकायतों के बाद नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने हाईकमान की स्वीकृति से करीब आधा दर्जन जिलों के अध्यक्ष बदल दिए। यह मामला शांत होने के बाद भाजपा महिला मोर्चा ने हाल ही में पांच जिलों की अध्यक्षों को बदल दिया था।
यही नहीं कई जिला अध्यक्षों को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कर दिया गया। जिसे लेकर विरोध शुरू हो गया। सूत्रों की मानें तो कई जिला अध्यक्ष प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने को लेकर संतुष्ट नहीं थी।
इसके चलते उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री तथा प्रभारी के सामने यह मुद्दा उठाया। इस बीच पार्टी के विभिन्न मोर्चों व प्रकोष्ठों में पूर्व पदाधिकारियों को हटाकर नए पदाधिकारियों की तैनाती किए जाने पर भी विवाद हो गया।
भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इस विवाद को खत्म करते हुए पार्टी के सभी प्रदेश मोर्चा, प्रकोष्ठ, विभाग, जिला व मंडल आदि में किसी प्रकार के संगठनात्मक बदलाव पर रोक लगा दी है। अब मोर्चा अध्यक्ष अपने स्तर पर किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगे।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया की तरफ से जारी पत्र में साफ किया गया है कि महिला मोर्चा द्वारा वर्तमान में की गई सभी घोषणाएं रद्द की जाती हैं।