गुरुग्राम में बड़ी कार्रवाई: 12 प्रॉपर्टी डीलरों पर 1000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप, आयकर विभाग ने शुरू की तलाशी
गुरुग्राम में बिल्डरों के बाद अब 12 से अधिक प्रॉपर्टी डीलर भी आयकर विभाग के रडार पर हैं। इसमें छोटे-बड़े दोनों तरह के प्रॉपर्टी डीलर शामिल हैं। आयकर विभाग को इन प्रॉपर्टी डीलरों पर एक हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का शक है।
आयकर विभाग का मानना है कि प्रॉपर्टी डीलरों ने फर्रुखनगर, सुल्तानपुर, सोहना, पटौदी और मानेसर क्षेत्र में संपत्ति खरीद फरोख्त करके विभाग में टैक्स जमा नहीं कराया। संबंधित तहसीलों से प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीन की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज लेकर जानकारी मांगी गई है। जानकारी मिलने के बाद विभाग इन पर कार्रवाई करेगा।
जिले में बिल्डर से लेकर प्रॉपर्टी डीलरों के संपत्ति खरीद-फरोख्त के संदिग्ध लेन-देन पर आयकर विभाग के अधिकारी पैनी नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, 50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति क्रेता-विक्रेता दोनों की आयकर डिटेल की बारीकी से जांच की जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और गलत जानकारी मिलने पर ऐसी संपत्ति को बचाना मुश्किल होगा।
आयकर सूत्रों की मानें तो तहसीलों से खरीदारों के नाम, पता, पैन नंबर, रजिस्ट्री के दौरान जमा होने वाले अन्य सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी सहित जानकारी आयकर विभाग को भेजने को कहा गया है। इसके लिए बाकायदा एक प्रोफार्मा तैयार किया गया है। जिसके आधार पर आयकर अधिकारी सम्पत्ति खरीदने वाले की जांच करेंगे। आयकर विभाग को शक है कि प्रॉपर्टी डीलरों ने एक हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है।
500 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार मरुति कंपनी से सटे प्रॉपर्टी डीलर दफ्तर और उसके घर पालम विहार में छापेमारी करके 500 करोड़ रुपये के दस्तावेज जब्त किए थे। इन दस्तावेजों में कई ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने सुल्तानपुर, केएमपी के पास जमीन खरीद-फरोख्त करके कॉलोनियां काटी हैं।
10 से 15 सालों में पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक जमीन खरीद-फरोख्त की जानकारी मिली है। यह रजिस्ट्रियां किसके नाम पर हुईं, इसकी जानकारी तहसील से मांगी गई है। जिससे दोनों का मिलान करने के बाद संबंधित प्रॉपर्टी डीलर से टैक्स वसूली की जाएगी।
अधिकारी खंगाल रहे रजिस्ट्री का रिकॉर्ड
आयकर विभाग के अनुसार, आय से अधिक की संपत्ति का पता लगाने के लिए खरीदी-बेची गई समस्त संपत्तियों का रिकॉर्ड तलब गया है। जिला प्रशासन को पत्र लिखकर 30 से लेकर 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों की सूची मांगी जा रही है।
आयकर विभाग ने आय से अधिक की संपत्ति खरीदने वालों की जानकारी जुटाना तेज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, संभागीय स्तर पर आयकर विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे दर्जनों लोगों की सूची तैयार की है, जिन्होंने 30 लाख रुपये से अधिक की कीमत पर खरीदी की थी। जिन खरीदारों की आय संदिग्ध है उनका पूरा रिकॉर्ड खंगाला जाएगा।