मिलावटी खाद्य पदार्थ: बढ़ती बीमारियों का प्रमुख कारण, जाने कैसे करें जांच

कम लागत में ज्यादा कमाई के लोभ में दुनिया भर में धड़ल्ले से खाद्य पदार्थों में मिलावट कर उन्हें बेचा जा रहा है। दूध से लेकर अनाज तक और जीरा से लेकर चाय पत्ती तक में आज के समय में मिलावट किया जा रहा है। जान-बूझकर दूध में पानी मिलाना, बटर में स्टार्च मिलाना या फिर बेहतर गुणवत्ता वाले अनाज में कम गुणवत्ता वाले अनाज की मिलावट करना आम बात है।

आटा में जहां चॉक पाउडर की मिलावट की जाती है, वहीं दाल का वजन बढ़ाने के लिए उसमें रेत या फिर पत्थर मिला दिया जाता है।

सेहत पर असर

खाद्य पदार्थों में मिलावट का हमारी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। फूड्स जर्नल नाम की पत्रिका में 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग नियमित रूप से मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, वे डायरिया, दिल की बीमारियां, एलर्जी, चक्कर और डायबिटीज आदि के आसान शिकार बन जाते हैं। बहुत ज्यादा या बहुत नुकसानदेह मिलावटी चीजों का सेवन करने से फूड प्वॉइजनिंग और पेट से जुड़ी परेशानियां होने का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

ऐसे पहचानें मिलावट

दूध: किसी चिकनी जगह पर एक बूंद दूध डालें। अगर दूध अपना निशान छोड़े बिना नीचे की ओर चला जाता है, तो इसका मतलब है कि आपके दूध में पानी की मिलावट है। वहीं, अगर दूध को बहुत ज्यादा मिलाने या हिलाने पर उसमें गाढ़ा झाग बन रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके घर में आए इस दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है।

शहद: एक गिलास पानी में कुछ बूंद शहद डालें। अगर शहद पानी के तल में इकट्ठा हो जाता है, तो इसका मतलब है कि वह शुद्ध है। वहीं अगर शहद में चीनी की मिलावट होगी तो वह पानी में पूरी तरह से घुल जाएगा।

हल्दी व मिर्च पाउडर: एक चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर मिलाएं। शुद्ध हल्दी गिलास के तल में इकट्ठा हो जाएगी और पानी पारदर्शी रहेगा। अगर हल्दी पाउडर डालने से पानी का रंग बदल जाए तो इसका मतलब है कि हल्दी मिलावटी है। इसी तरह लाल मिर्च पाउडर भी गर्म पानी के तल में जाकर इकट्ठा हो जाएगी, वहीं मिलावटी मिर्च पाउडर पानी में अपना निशान छोड़ेगी।

चाय और कॉफी: गीले ब्लोटिंग पेपर पर थोड़ी-सी चाय पत्ती को फैलाएं। अगर ब्लोटिंग पेपर पर पीला या नारंगी निशान आता है, तो इसका मतलब है कि चाय में कोई रंग मिलाया गया है। कॉफी पाउडर को परखने के लिए जरा-सा कॉफी पाउडर पानी में डालें। शुद्ध कॉफी पानी में तैरेगी, वहीं मिलावट वाली गिलास के तल में इकट्ठा हो जाएगी।

सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियों में मिलावटी रंग की जांच करने के लिए रुई को पानी या वेजिटेबल ऑयल में डुबोएं और उसे सब्जी के ऊपर रगड़ें। अगर रुई का रंग बदल जाता है, तो इसका मतलब है कि सब्जी में आर्टीफिशियल रंग का इस्तेमाल किया गया है।

गेहूं: गेहूं के आटे में मिलावट की जांच करने के लिए एक चम्मच आटे को एक कप पानी में मिलाएं। शुद्ध आटा पानी के तल में जमा हो जाएगा, जबकि मिलावटी पानी को गंदा कर देगा।

बटर: थोड़े-से बटर को चम्मच में डालकर पिघलाएं। शुद्ध बटर तुरंत पिघलकर भूरे रंग में बदल जाएगा, वहीं अशुद्ध बटर न सिर्फ पिघलने में ज्यादा वक्त लेगा बल्कि सफेद अवशेष भी छोड़ेगा।

फल: केले में मिलावट को जांचने के लिए उसके ऊपर पानी की कुछ बूंदें डालें। अगर पानी डालने से उस जगह का रंग भूरा हो जाए, तो इसका मतलब है कि केले को जल्दी पकाने के लिए आर्टीफिशियल एजेंट जैसे कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग किया गया है।

तेल: नारियल तेल की शुद्धता को जांचने के लिए थोड़े-से तेल को फ्रिज में रखें। अगर तेल जम जाता है तो इसका मतलब है कि वह शुद्ध है। मिलावटी नारियल तेल नहीं जमेगा। अन्य तेलों की शुद्धता को जांचने के लिए एक बूंद तेल अपनी हथेली पर डालें और दोनों हाथों से रगड़ें। शुद्ध तेल को त्वचा आसानी से सोख लेगी।

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