आपकी पानी की बोतल में छिपे हैं बीमारियों के कीटाणु, जानें कितनी बार धोना है जरूरी

शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए एनएचएस एक वयस्क व्यक्ति को दिन भर में 8 गिलास पानी पीने की सलाह देता है। साफ पानी पीने के सेहत से जुड़े फायदों के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन क्या आप इस बात से भी वाकिफ हैं कि इस पानी को स्टोर करने के लिए यूज की जाने वाली वाटर बोतल आपकी सेहत के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकती है। आइए जानते हैं कैसे-

पानी की बोतल में टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया 

वॉटरफिल्टरगुरु.कॉम के एक अध्ययन के अनुसार, रियूज की जाने वाली पानी की बोतलों में औसतन 20.8 मिलियन कॉलोनी-फॉर्मिंग यूनिट (सीएफयू) बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो कि किसी टॉयलेट सीट पर मौजूद रोगाणुओं की तुलना में 40,000 गुना अधिक हैं। ऐसे में अगर आप अपनी पानी की बोतल को यूज करने के बाद ठीक तरह से नहीं धोते हैं तो आप अनजाने में ही अपनी सेहत के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे होते हैं।

पानी की बोतल की स्वच्छता से जुड़ी गलत धारणा 

इंडिपेंडेंट फार्मेसी में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डोनाल्ड ग्रांट कहते हैं कि बात जब पानी की बोतलों की स्वच्छता की आती है तो लोगों के बीच उसे लेकर एक आम गलत धारणा बनी हुई है। उन्हें लगता है कि चूंकि वो बोतल में साफ पानी भर रहे हैं , जो सीधा उनके मुंह में जाएगा, इसलिए बोतल को बार-बार साफ करने की आवश्यकता बहुत कम होती है। जबकि, हर बार बोतल से पानी पीते समय लोग अपने मुंह से बैक्टीरिया बोतल में भेज रहे होते हैं। जो बोतल में पहुंचकर तेजी से बढ़ सकते हैं।

डॉ. सुहैल हुसैन कहते हैं, ‘ऐसी कोई भी चीज जिसका इस्तेमाल दोबारा किया जा सकता है, उसमें आसानी से गंदगी और धूल जमा हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप, उसमें बैक्टीरिया पैदा होने का खतरा बना रहता है’। डॉ. सुहैल हुसैन की इस बात से यह और ज्यादा साफ हो जाता है कि पानी की बोतलों में नमी मौजूद होने से उसमें आसानी से बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

पानी की बोतल में कैसे आते हैं बैक्टीरिया?

ग्रांट कहते हैं कि,’उदाहरण के लिए, जब आप पानी की बोतल को अपने जिम बैग में रखते हैं, तो यह बैग के भीतर रखी किसी भी चीज में मौजूद बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकती है। इसके अलावा आप अपने हाथों से भी अपनी पानी की बोतल में बैक्टीरिया स्थानांतरित कर सकते हैं’।

पानी की बोतल में कौन सा बैक्टीरिया पाया जाता है 

पानी में मौजूद ई. कोली जैसे बैक्टीरिया आमतौर पर मूत्र और आंत्र संक्रमण का एक सामान्य कारण बनते हैं। जो अक्सर पानी की बोतल को बार-बार छूने जैसे कि ढक्कन खोलने और बंद करने के बाद उसमें लग सकते हैं। यह बैक्टीरिया संभावित रूप से सेहत के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है।

हुसैन कहते हैं, ‘इस बैक्टीरिया के संपर्क में आने से आप बीमार हो सकते हैं, आपको दस्त और उल्टी जैसी गैस्ट्रिक बीमारी हो सकती है’। जबकि ग्राम नेगेटिव रॉड्स नाम का एक कॉमन बैक्टीरिया गंदी बिना धुली पानी की बोतलों में पाया जाता है। जो यूरिन संक्रमण और निमोनिया का कारण बन सकता है’।

ग्रांट चेतावनी देते हुए कहते हैं कि ‘अगर बोतल के अंदर नमी और गंदगी की वजह से फफूंद जमा हो जाती है, तो ऐसी बोतल का पानी पीने से व्यक्ति में एलर्जी के लक्षण नजर आ सकते हैं। जिसमें नाक बहना, छींक आना या लाल और खुजली वाली आंखें शामिल हैं। अस्थमा से पीड़ित किसी व्यक्ति के लिए ये लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।’

कितनी बार और कैसे धोनी चाहिए पानी की बोतल?

खुद को बीमार होने से बचाने के लिए व्यक्ति को अपनी पानी की बोतल हर यूज के बाद धोनी चाहिए। अगर आपके लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं है तो कम से कम अपनी पानी की बोतल को हफ्ते में दो से तीन बार जरूर साफ कर लें। इसके लिए बोतल में लगे बैक्टीरिया साफ करने के लिए रोजाना गर्म पानी और वाशिंग लिक्विड सोप की जरूरत होगी।

हुसैन बताते हैं कि पानी की बोतल को गर्म पानी और लिक्विड सोप के मिश्रण से भरकर चारों ओर घुमाएं। ऐसा करते हुए बोतल के कैप और ऊपरी हिस्से पर खास ध्यान दें। उन्हें भी ब्रश से रगड़कर साफ कर लें। अगर आपने अपनी पानी की बोतल को कई दिनों से साफ नहीं किया है तो उसकी डीप क्लीनिंग करें। इसके लिए आप पानी की बोतल को आधे सिरके और आधे पानी के घोल में रात भर भिगोकर छोड़ दें। उसके बाद बोतल को साफ पानी से धोकर अच्छी तरह सुखाने के बाद ही उपयोग करें।

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