लेकिन बहुत सारे लोग एक या दो दिन के बुखार में डॉक्टर के पास ना जाकर घरेलू नुस्खे आजमाते हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर कब बीमार को डॉक्टर की सलाह से दवा दी जाए। बारिश में कई तरह के वायरस फैलते हैं। इन वायरस की पहचान और शरीर में इनकी रोकथाम के लिए जरूरी है कि समय से डॉक्टर से हेल्प ले ली जाए।
क्यों बारिश के मौसम में पड़ जाते हैं बीमार
बरसात के पानी में भीग गए तो सर्दी-जुकाम होना तय है। वहीं अगर डेंगू, मलेरिया वाले मच्छर ने काट लिया तो सबसे पहले बुखार जैसे हल्के लक्षण ही दिखते हैं। कई बार पानी की शरीर में कमी, बासी खाना या इंफेक्टेड फूड खाने से भी तबियत खराब हो जाती है।
कब डॉक्टर के पास जाना है जरूरी
बीमार होने के कोई भी लक्षण हों बुखार चढ़ रहा हो या फिर फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्या हो। अगर बुखार लगातार तीन दिन तक बना हुआ है तो जरूरी है कि बीमार को घरेलू नुस्खों की बजाय डॉक्टर से संपंर्क कर दवा दी जाए। जिससे जल्दी से जल्दी बुखार उतर सके और तबियत ठीक हो जाए।
इन लक्षणों पर डॉक्टर से कर लें संपंर्क
अगर बुखार 102°F से ऊपर पहुंच रहा है और इससे नीचे नहीं उतर रहा है तो जरूरी है कि डॉक्टर से सलाह ले ली जाए। बुखार के साथ कंपकंपी महसूस हो रही या फिर शरीर में दर्द, थकान, कमजोरी लग रही है तो कई बार वायरल तो कई बार डेंगू, मलेरिया के लक्षण हो सकते हैं।
बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ
इंफ्लूएंजा जैसे वायरस या फ्लू हो जाने पर सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। काफी सारे मरीजों को साधारण बुखार में भी सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। नाक बंद, गले मं दर्द और खांसी होने पर भी सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
मिचली, उल्टी, दस्त होने पर भी काफी लोगों को बुखार होता है। ऐसे में जरूरी है कि पहले पेट के इंफेक्शन को दूर किया जाए। इससे बुखार भी धीरे-धीरे कम होने लगता है