Palm Oil Side Effects : आपके पसंदीदा स्नैक्स में छिपा है पाम ऑयल, जानें कैसे ये आपके स्वास्थ्य को पहुंचा रहे नुकसान
हाई टेंपरेचर पर पिघलने वाले इस तेल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इस तेल की कम कीमत होने की वजह से इसका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होता है। यहां तक कि कुछ प्रोटीन बार में भी थोड़ी मात्रा में पाम ऑयल यूज होता है। जो कि सेहत के लिए फायदेमंद ना होकर नुकसानदेह होते हैं। अगर आप पैकेट वाले फूड्स को खाना पसंद करते हैं तो जरा जान लें कि पाम ऑयल कंज्यूम करने से सेहत को कितने तरह के नुकसान होते हैं।
क्यों होता है पाम ऑयल नुकसानदेह
पाम को हिंदी में ताड़ कहते हैं। ताड़ के फलों से निकाला जाने वाला तेल पाम ऑयल बोला जाता है। इस तेल में पोषक तत्वों की मात्रा ना के बराबर होती है वहीं सैचुरेटेड फैट बहुत ज्यादा होता है। जिसकी वजह से इस तेल को खाने से सारे हेल्थ एक्सपर्ट मना करते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है और यहां पर इस तेल की सबसे ज्यादा खपत होती है। खाने की चीजों के अलावा पाम ऑयल से साबुन, तेल, क्रीम जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं।
इस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचाता है पाम ऑयल
- पाम ऑयल में सैचुरेटेड फैट की काफी ज्यादा मात्रा होती है और जब आप बिस्कुट, नमकीन और यहां तक की हेल्दी प्रोटीन बार भी खाते हैं तो इसे बनाने के लिए पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में शरीर में अगर ज्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैट जमा होने लगता है तो हानिकारक असर छोड़ता हैो.
- लाइफस्टाइल एक्टिव ना होने की वजह से शरीर में सैचुरेटेड फैट की मात्रा तेजी से जमा होती है। जब पाम ऑयल खाते हैं तो इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ स्टडी के मुताबिक पाम ऑयल खाने से शरीर में इंफ्लेमेशन होने लगता है। साथ ही कैंसर का रिस्क बढ़ता है।
- पाम ऑयल पर की गई कई स्टडीज में सीधे तौर पर हानिकारक नहीं बताया गया है लेकिन तेल में मौजूद सैचुरेटेड फैट एक हार्मफुल फैट जो कॉर्डियोवस्कुलर हेल्थ पर निगेटिव असर डालता है।
- यहां तक कि लगातार पाम ऑयल की ज्यादा मात्रा मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ सकती है। जिससे डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें पैदा होने लगती हैं।
- अगर पाम ऑयल को ज्यादा मात्रा में कंज्यूम किया जाए तो इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होने लगती है।
- पाम ऑयल में 100 प्रतिशत फैट होता है। जो लिपिड प्रोफाइल को बिगाड़ देता है। जिससे शरीर में बढ़ने वाला ट्राई ग्लिसराइड केवल बैड कोलेस्ट्रॉल को ही नहीं बढ़ाता बल्कि मोटापा, हार्ट अटैक का रिस्क, डायबिटीज और लीवर में फैट जमा होने जैसी समस्या को भी पैदा करने लगता है।