शरीर को तरोताजा बनाए रखने के लिए नहाना बहुत जरूरी है। नहाने से ना सिर्फ शरीर को ताजगी मिलती है बल्कि इससे शरीर का पसीना, धूल-मिट्टी, गंदगी दूर होती है और शरीर से सारे टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं। साथ ही नहाने से माइंड भी रिलैक्स होता है। लेकिन ये सब तभी पॉसिबल है जब नहाने का तरीका सही हो। अब आपको लग रहा होगा कि क्या नहाने का भी सही या गलत तरीका होता है?
जी हां, आयुर्वेद में नहाने के सही और गलत तरीके पर बहुत खुलकर बात की गई है। गलत तरीके से नहाने पर आपकी बॉडी भले ही फ्रेश हो जाए लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। गलत तरीके से नहाने पर रफ स्किन, हेयरफॉल, डार्क सर्कल के साथ-साथ वीक इम्युनिटी, वीक डाइजेशन और माइग्रेन जैसी हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती हैं। कहीं आप भी नहाने के गलत तरीकों को अपनाकर, इन सब इश्यूज को इनविटेशन तो नहीं दे रहे हैं। चलिए जानते हैं-
गर्म पानी से नहाना
कई लोग नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में तो अधिकतर लोग गर्म पानी से ही नहाते है। लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक गर्म पानी से नहाना हेल्थ के लिए कहीं से भी बेनिफिशियल नहीं है। गर्म पानी से नहाने पर सेंसेज अच्छे से खुल नहीं पातीं, जिसकी वजह से वो एनर्जी नहीं मिलती जो मिलनी चाहिए।
इसके अलावा डेली गर्म पानी से नहाने पर पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकता है और ये स्ट्रेस की भी वजह बन सकता है। इसलिए हमेशा नहाने के लिए नार्मल टेंपरेचर के पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि आर्थराइटिस और फीवर की कंडीशन में आप नहाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खाना खाने के बाद नहाना
कभी-कभी लोग खाना खाने के तुरंत बाद नहाने चले जाते हैं। ऐसा करना हेल्थ के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल खाना खाने के बाद उसे पचाने के लिए एनर्जी की जरूरत पड़ती है लेकिन जब आप खाना खाने के बाद तुरंत नहा लेते हैं तो बॉडी का टेंपरेचर कम हो जाता है।
जिसकी वजह से खाना पचाने के लिए प्रॉपर एनर्जी नहीं मिल पाती और इसका असर पाचन क्रिया पर पड़ता है। इससे इंटेस्टाइन वीक होने लगती हैं और कब्ज, एसिडिटी जैसी हेल्थ प्रॉब्लम होने लगती हैं। इसलिए खाना खाने के बाद कम से कम 2 घंटे तक नहाने से बचना चाहिए।
नहाने से पहले ऑयल मसाज
आयुर्वेद में नहाने से पहले ऑयल मसाज करना काफी फायदेमंद बताया गया है। दरअसल जब बॉडी पर ऑयल मसाज की जाती है तो ऑयल अपने अंदर बॉडी की सारी गंदगी को सोख लेता है। इसके बाद जब आप नहाते हैं तो आसानी से बॉडी की सारी गंदगी को क्लीन कर पाते हैं। पहले के लोग अक्सर शरीर पर तेल मालिश करने के बाद ही नहाया करते थे। अगर आपके पास ऐसा करने के लिए ज्यादा टाइम नहीं है तो आप हफ्ते में एक बार इस प्रॉसेस को फॉलो कर सकते हैं।
नहाने के बाद तौलिए का इस्तेमाल
अक्सर लोग नहाने के बाद हल्के हाथों से ही टॉवल का इस्तेमाल करते हैं, जो सही तरीका नहीं है। नहाने के बाद बॉडी को टॉवल से अच्छे से रब करते हुए पोंछना चाहिए। इससे स्किन अच्छे से ड्राई भी हो जाती है और बॉडी की डेड स्किन भी रिमूव होती है। इसके अलावा कई बार डेली नहाने के बावजूद शरीर की डेड स्किन अच्छे से साफ नहीं होती है। इसके लिए नहाते समय स्क्रबर का इस्तेमाल करना भी जरूरी है। हालांकि अगर आपकी स्किन बहुत सेंसेटिव है तब ऐसा करने से बचना चाहिए।
ज्यादा या कम समय के लिए नहाना
आपने देखा होगा कि कुछ लोग जब नहाने के लिए बाथरुम में घुसते हैं तो घंटो बाहर ही नहीं निकलते, वहीं कुछ लोग झटपट नहाकर बाहर निकल आते हैं। नहाने के ये दोनों ही तरीके सही नहीं हैं। नहाने में ना तो ज्यादा समय लगाना चाहिए और ना ही कम। बल्कि प्रॉपर बाथिंग के लिए शरीर के हर पार्ट को क्लीनिंग के लिए थोड़ा- थोड़ा टाइम देते हुए नहाना चाहिए।
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