हाइपोथायराइड जिसे थायराइड की कमी भी कहते हैं, इसमे थायराइड ग्लैंड्स कम एक्टिव होता है और ब्लड में पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन को नहीं छोड़ता है। जिसकी वजह से शरीर में थकान बनी रहती है और बॉडी टेम्परेचर ठंड बर्दाश्त नहीं कर पाता है। साथ ही दिल की धड़कन तेज होना और एनीमिया होने का डर रहता है। अगर हाइपोथायराइड को समय पर सही नहीं किया गया तो इससे चेहरे के आकार और बनावट में अंतर दिखने लगता है।
हाइपोथायराइड चेहरे की बनावट पर कैसे अंतर डालती है
चेहरे पर सूजन
हाइपोथायराइड की वजह से चेहरे पर सूजन होने लगती है। दरअसल, थायराइड हार्मोन स्किन और बालों में भी होते हैं। जब इन हार्मोंन की कमी हो जाती है तो स्किन में ग्लाइकोसामिनोग्लाइकन नाम के मॉलेक्यूल को मेटबोलाइज करना है। जब थायराइड हार्मोन की कमी होती है तो इन मॉलेक्यूल का जमाव होने लगता है। जिससे पानी अट्रैक्ट होता है और तरल पदार्थ जमना शुरू हो जाते है।
स्किन में बहुत ज्यादा ड्राईनेस
हाइपोथायराइड की वजह से त्वचा अक्सर सूखी, ठंडी, पीली और मोम जैसी दिखती है। लेकिन छूने पर ये बिल्कुल सख्त होती है। कई बार तो स्किन से पपड़ी छूटने लगती है।
बालों का झड़ना
हाइपोथायराइड की वजह से बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है। यहां तक कि आइब्रो के बाल भी झड़ने लगते हैं।
एक्ने और आंखों के आसपास सूजन
चेहरे पर एक्ने होने लगते हैं और साथ ही आंखों के आसपास भी सूजन हो जाती है।
आवाज में बदलाव
थायराइड ग्लैंड के कम एक्टिव होने की वजह से आवाज में बदलाव आने लगता है। आपकी आवाज धीमी और भारीपन लिए हो सकती है।
कई बार तो आंख, नाक में भी बदलाव दिखता है और नाक ज्यादा चौड़ी और आंखें ज्यादा बड़ी सी नजर आती हैं। जिसका कारण सूजन और त्वचा में थायराइड ग्लैंड का कम एक्टिव होना होता है।
हालांकि हाइपोथायराइड का सही इलाज इन सारी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।