नई दिल्ली, 18 सितम्बर, 2023 : हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बहुत सारे लोग परेशान रहते हैं। जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं। ये एक तरह की मेडिकल कंडीशन है जिसमे ब्लड प्रेशर असमान्य तरीके से बहुत ज्यादा हो जाता है। ब्लड प्रेशर की ये स्थिति कई बार किसी तरह के लक्षण नहीं दिखाती और अचानक से हार्ट पर अटैक करती है।
इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं। अगर हाइपरटेंशन को मैनेज करना है तो ये जानना जरूरी है कि आखिर ब्लड प्रेशर का कौन सा स्टेज हाई होता है और कब हाई ब्लड प्रेशर खतरनाक स्टेज पर पहुंच जाता है और कई बार डेथ जैसे रिस्क कारण बनता है।
नार्मल ब्लड प्रेशर
नॉर्मल ब्लड प्रेशर में ब्लड प्रेशर की रीडिंग हमेशा 120/80 mm होती है या उससे कम होती है। नॉर्मल ब्लड प्रेशर में हेल्थ को किसी तरह का रिस्क नहीं होता। लेकिन जरूरी है कि हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिए इसे मेंटेन किया जाए।
प्रीहाइपरटेंशन
प्रीहाइपरटेंशन की स्टेज में ब्लड प्रेशर वार्निंग स्टेज पर रहता है। इसमे ब्लड प्रेशर की रेंज 120-139/80-89 mm होती है। ब्लड प्रेशर की ये रेंज हाईपरटेंशन का शुरुआती स्टेज होती है।
जिसमे हाई ब्लड प्रेशर और ज्यादा बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में खानपान में बदलाव, रेगुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेस का सही तरीके से मैनेजमेंट करके प्रीहाइपरटेंशन को हाइपरटेंशन बनने से रोका जा सकता है।
हाईपरटेंशन का पहला स्टेज
हाइपरटेंशन का पहला स्टेज 140-159/90-99 mm है। जिसमे दवाओं की जरूरत पड़ती है। साथ ही हाइपरटेंशन के पहले स्टेज को लाइफस्टाइल चेंज करके कंट्रोल किया जा सकता है और दूसरे हेल्थ रिस्क से बचा जा सकता है।
हाईपरटेंशन का दूसरा स्टेज
हाइपरटेंशन का दूसरा स्टेज काफी खतरनाक होता है और इसमे ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से स्ट्रोक और हार्ट, किडनी को खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में फौरन दवाओं के माध्यम से कंट्रोल करने की जरूरत होती है।
कैसे कंट्रोल रखें हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए इन उपायों को अपनाया जा सकता है :
रेगुलर एक्सरसाइज
स्ट्रेस कम करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज रोजाना करें
स्मोकिंग और एल्कोहल से दूरी बनाकर रखें
हेल्दी डाइट को फॉलो करें
चुंकदर का जूस पिएं
नींबू पानी को डाइट में शामिल करें
ये चीजें हाई ब्लड प्रेशर को नेचुरली कंट्रोल करने में हेल्प करेंगी