गहरे हरे और पर्पल रंग के फल-सब्जियां एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। हम सब सफेद रंग के आलू खाते हैं। आपने लाल आलू भी देखे होंगे। पर्पल रंग का भी आलू आता है जिसे भारत में नीलकंठ नाम से जाना जाता है। साइंटिस्ट मानते हैं कि पर्पल आलू में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स आपको कई बड़ी बीमारियों से बचा सकते हैं।
पर्पल सब्जियों में होता है एंथोसाइनिन
प्रकृति ने हमें फल-सब्जियों का भंडार दिया है जिन्हें डायट में शामिल करके हम जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स पा सकते हैं। सब्जियों-फलों में उनका गहरा रंग एंटी-ऑक्सीडेंट्स की वजह से होता है। पर्पल-नीले रंग के ज्यादातर फल और सब्जियों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिन्हें सुपरफूड माना जाता है। जैसे ब्लूबेरी और पर्पल कैबेज। इन फूड्स में एंथोसाइनिन्स होते हैं, जिनके कई फायदे होते हैं। अगर आप आलू को अनहेल्दी समझकर नहीं खा पाते तो पर्पल पोटैटो या नीलकंठ आलू खा सकते हैं।
रिप्लेस कर सकते हैं आलू
आलू में स्टार्च होता है इसलिए ज्यादातर हेल्थ कॉन्शस लोग इसे डायट में शामिल करने से बचते हैं। अगर आपको आलू पसंद हैं तो पर्पल रंग वाले आलू खा सकते हैं। आलू की दूसरी वरायटीज की तुलना में पर्पल आलू का ग्लाइसीमिक इंडेक्स कम होता है। यह शुगर के मरीजों को उतने नुकसान नहीं करते। साथ ही इनमें पॉलीफिनॉल्स काफी ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं जो काफी फायदेमंद होते हैं।
कई बीमारियों से हो सकता है बचाव
नीलकंठ में आलू पीले या सफेद आलू की तुलना में तीन गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह आपकी सेल को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। इनमें पाए जाने वाले पॉलीफिनॉल्स को एंथोसाइनिन कहते हैं। ये ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी में पाए जाते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल और आंखों के लिए अच्छे होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह दिल की बीमारी और कुछ तरह के कैंसर से भी बचाव करते हैं।
चूहों पर हुई थी स्टडी
एक स्टडी में सामने आ चुका है कि जिन कैंसर सेल्स को पर्पल पोटैटो एक्सट्रैक्ट से ट्रीट किया गया उनकी ग्रोथ काफी कम थी। कुछ केसेज में कैंसर सेल्स की डेथ भी पाई गई। हालांकि यह स्टडी लैब में चूहों पर की गई थी। इसलिए इंसानों पर इसका क्या असर होगा, यह पुष्टि नहीं हो सकी।
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