Karwa Chauth Pooja Thali : करवा चौथ की थाली में क्या रखें, ताकि मिले सौभाग्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद

Karwa Chauth Pooja Thali : करवा चौथ हिंदू धर्म की सबसे खास और पवित्र परंपराओं में से एक है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं।

सूर्योदय से लेकर चांद निकलने तक बिना कुछ खाए-पिए रहना इस व्रत की मुख्य विशेषता है। जब रात में आकाश में चंद्रमा का दर्शन होता है, तो महिलाएं उसे छन्नी से देखकर अर्घ्य अर्पित करती हैं और फिर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं।

यह व्रत जितना कठिन होता है, उतना ही भावनाओं और आस्था से भरा होता है। लेकिन अक्सर महिलाओं को यह सोचने में परेशानी होती है कि करवा चौथ की पूजा थाली में कौन-कौन सी चीजें रखनी चाहिए।

आइए जानते हैं, वो जरूरी वस्तुएं जो आपकी करवा चौथ की पूजा को पूर्ण बनाती हैं —

तांबे का लोटा या मिट्टी का करवा

चांद को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा सबसे शुभ माना जाता है। अगर आपके पास तांबे का लोटा नहीं है, तो मिट्टी का करवा भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसे पूजा की थाली में रखना बेहद आवश्यक है क्योंकि मान्यता है कि इससे पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।

मिठाई – मीठे से बढ़े रिश्तों की मिठास

कहा जाता है कि बिना मिठाई के कोई भी पूजा अधूरी होती है। करवा चौथ की पूजा थाली में अपनी पसंद की मिठाई जरूर रखें, चाहे वह पेड़ा हो, लड्डू या फिर बर्फी।

पूजा के अंत में महिलाएं इसी मिठाई से व्रत खोलती हैं। यह प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

छन्नी – सबसे अहम पूजा सामग्री

करवा चौथ का सबसे सुंदर और भावनात्मक पल होता है जब महिलाएं छन्नी से चंद्रमा को देखती हैं और फिर अपने पति का चेहरा निहारती हैं।

ऐसा माना जाता है कि छन्नी के छेद जितने अधिक होते हैं, पति की उम्र उतनी ही लंबी होती है। इसलिए छन्नी पूजा की थाली में रखना अनिवार्य होता है।

दीया – रिश्तों की रौशनी

दीया केवल एक दीपक नहीं बल्कि रिश्तों की रोशनी और शुभता का प्रतीक है। करवा चौथ की थाली में दीया रखना आवश्यक है।

जब आप छन्नी से चांद और फिर पति का चेहरा देखती हैं, तो इस दीए की लौ रिश्ते की मजबूती का प्रतीक बनती है।

फूल – भक्ति और सौंदर्य का प्रतीक

पूजा में फूलों का विशेष महत्व होता है। करवा माता और चंद्रदेव को फूल अर्पित करते हुए महिलाएं अपनी मनोकामनाएं मांगती हैं। गुलाब, गेंदा या चमेली के फूल इस दिन सबसे शुभ माने जाते हैं।

बाकी जरूरी पूजा सामग्री

करवा चौथ की थाली में सिर्फ ये पांच चीजें ही नहीं, बल्कि कुछ और आवश्यक वस्तुएं भी रखनी चाहिए —

धूपबत्ती या अगरबत्ती – पूजा के समय वातावरण को पवित्र बनाती है।

सिंदूर और चंदन – सुहाग का प्रतीक और पूजा का प्रमुख हिस्सा।

दूध, दही और गंगाजल – इन्हें पवित्रता के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

हल्दी और अक्षत (चावल) – इनका प्रयोग हर शुभ कार्य में किया जाता है।

इन सभी वस्तुओं को सुंदर थाली में सजा लें और शाम को पूरे विधि-विधान से करवा चौथ की पूजा करें। इससे न सिर्फ व्रत का फल बढ़ता है बल्कि घर में सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में सौहार्द भी बना रहता है।

करवा चौथ सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और आस्था का सुंदर संगम है। जब महिलाएं पूरे दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए बिना जल के व्रत रखती हैं, तो यह उनकी भावनाओं और त्याग का प्रतीक बन जाता है।

इसलिए इस दिन की हर पूजा सामग्री का अपना अलग महत्व है — ताकि आपकी आस्था पूरी तरह फलित हो और आपका रिश्ता हमेशा रोशन बना रहे।

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