Kojagar Puja Muhurat : कोजागर पूजा माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने का महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है। हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह पूजा आयोजित की जाती है।
कहा जाता है कि इस रात माता लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और केवल उन घरों में प्रवेश करती हैं, जो पूरी तरह से साफ-सुथरे और प्रकाशित होते हैं। जिनके घरों में माता का प्रवेश होता है, वहां सुख, समृद्धि और धन का वास होता है।
कोजागर पूजा को शरद पूर्णिमा की रात मनाया जाता है, इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
आइए जानते हैं इस वर्ष कोजागर पूजा कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और इसे करने का महत्व क्या है।
कोजागर पूजा की तिथि और समय
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन पूर्णिमा 6 अक्टूबर सोमवार को दोपहर 12:23 बजे शुरू होगी और 7 अक्टूबर मंगलवार को सुबह 9:16 बजे समाप्त होगी। इसलिए, कोजागर पूजा का सही समय 6 अक्टूबर सोमवार को है।
कोजागर पूजा का शुभ मुहूर्त
कोजागर पूजा रात में की जाती है। इस वर्ष निशिता मुहूर्त के अनुसार, माता लक्ष्मी की पूजा का सर्वोत्तम समय देर रात 11:45 बजे से 12:34 बजे तक है। इस समय आप लगभग 49 मिनट तक पूजा कर सकती हैं।
ब्रह्म मुहूर्त: 04:39 AM – 05:28 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:45 AM – 12:32 PM
नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद
योग: ध्रुव योग
चंद्र उदय और चंद्रास्त समय
चंद्र उदय: 6 अक्टूबर, शाम 05:27 PM
चंद्रास्त: 7 अक्टूबर, सुबह 06:14 AM
मां लक्ष्मी किन घरों में आती हैं
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कोजागर पूजा की रात माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं जहां सफाई और रोशनी का विशेष ध्यान रखा गया हो। यही वजह है कि इस पूजा को “कोजागर” कहा जाता है।
जो लोग इस रात जागरण करते हैं और अपने घर को सुंदर प्रकाश और साफ-सफाई से सजाते हैं, उनके घर में माता लक्ष्मी का वास होता है। उनकी कृपा से घर में सुख, समृद्धि, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
