रातों की नींद होगी बेफिक्र, मच्छरों को दूर रखने के लिए लगाएं ये पौधे

गर्मी की शुरुआत होते ही लोग चिलचिलाती धूप और गर्मी से परेशान हो जाते हैं। वहीं इन दिनों मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। दिन में चिलचिलाती धूप व गर्म हवा और शाम में मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं. 

ग्रामीण इलाके हों या शहर हर जगह लोगों को मच्छरों के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अप्रैल माह में गर्म हवाओं के कारण घरों के आसपास का पानी सूख गया है, जहां मच्छरों के पनपने का खतरा अधिक है।

लेकिन, नालियों और कूलरों में काफी मात्रा में लार्वा पनप रहा है। मौका मिलते ही ये मच्छर घरों में घुस जाते हैं और लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं.

मच्छरों से बचाव के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। इससे बचने के लिए ज्यादातर लोग केमिकल वाली अगरबत्ती या कॉइल का इस्तेमाल करते हैं।

गौरतलब है कि मच्छरों को दूर भगाने वाली अगरबत्ती या कॉइल रसायन से बने होते हैं। जिसके कारण कई बार लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

ऐसे में मच्छरों को भगाने के लिए घरेलू उपायों का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। आज हम उन्हें एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे गमले में लगाने से मच्छरों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

मरुआ का पौधा एक प्राकृतिक मच्छर निरोधक है

दरअसल, हम बात कर रहे हैं मरुआ पौधे की, यह एक प्राकृतिक मच्छर भगाने वाला पौधा है। तुलसी की तरह दिखने वाला यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। जिसे लोग आमतौर पर किचन गार्डन में उगाते हैं। मरुआ का पौधा पुदीना और तुलसी प्रजाति का पौधा है जो बच्चों के लिए फायदेमंद है। लेकिन कीड़ों और मच्छरों के लिए यह दुश्मन की तरह काम करता है। इसकी खुशबू ऐसी होती है कि मच्छरों के साथ-साथ अन्य कीड़े-मकौड़े भी दूर-दूर तक नहीं भटकते।

खांसी और सांसों की दुर्गंध को दूर करता है

अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि जब इसकी गंध ऐसी है कि मच्छर भाग जाते हैं तो यह बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है. लेकिन इसमें कई ऐसे एंटी-एक्सीडेंट गुणों के साथ-साथ पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मरुआ की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से सर्दी, खांसी आदि बीमारियों से राहत मिलती है।

यह दुर्गंध को दूर करने में भी कारगर है। इसके अलावा यह मसूड़ों की बीमारियों से राहत दिलाने में भी कारगर माना जाता है। यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है. इसके अलावा यह पेट के कीड़ों को दूर करता है और माइग्रेन के दर्द से भी राहत दिलाता है।

ज्यादा खाने से बचें

आप इसकी पत्तियों को अपने किचन गार्डन या गमले में उगाने के अलावा चटनी, सलाद, सब्जी में डालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन उचित मात्रा में ही करें, नहीं तो यह आपका स्वाद बिगाड़ सकता है।

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