Mutual Fund SIP vs Stock SIP : नए निवेशकों के लिए कौन सा सही है? म्यूचुअल फंड SIP या स्टॉक SIP

Mutual Fund SIP vs Stock SIP : आजकल हर कोई अपनी कमाई का थोड़ा-बहुत हिस्सा निवेश (SIP) में लगाना चाहता है, ताकि आने वाले दिनों में पैसे की टेंशन न रहे। सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, यानी SIP, इसी काम को सुपर आसान बना देता है। SIP के जरिए आप हर महीने छोटी-मोटी रकम डालकर धीरे-धीरे बड़ी पूंजी बना सकते हैं।

लेकिन अगर SIP के बारे में ज्यादा न पता हो, तो जोखिम भी हो सकता है। अच्छी बात ये है कि हम आपको स्टॉक SIP और म्यूचुअल फंड SIP के फर्क के बारे में बता रहे हैं, और ये भी कि इनमें से कौन सा आपके लिए बेस्ट है। सरल शब्दों में समझाते हैं, ताकि SIP निवेश करना बच्चों का खेल लगे।

म्यूचुअल फंड SIP क्या है, ये तो जान लो

म्यूचुअल फंड SIP आजकल सबसे पॉपुलर तरीका है SIP निवेश का। इसमें आप हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट तय समय पर इन्वेस्ट करते हो। ये पैसे दूसरे इन्वेस्टर्स के साथ मिलकर एक बड़े फंड में चले जाते हैं, जिसे कोई एक्सपर्ट फंड मैनेजर हैंडल करता है। वो आपके पैसे को शेयर्स, बॉन्ड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स में बांट देता है।

इसे कहते हैं डायवर्सिफिकेशन – मतलब आपका पैसा कई जगह फैल जाता है, तो रिस्क कम हो जाता है।
अगर एक जगह पर नुकसान हो भी गया, तो दूसरी जगह से कवर हो सकता है। यही वजह है कि नए-नए इन्वेस्टर्स के लिए म्यूचुअल फंड SIP एक सेफ और बैलेंस्ड चॉइस माना जाता है। SIP के इस फॉर्मेट में घबराहट कम, फायदा ज्यादा!

स्टॉक SIP क्या बला है, समझो आसानी से

स्टॉक SIP का मतलब है डायरेक्ट शेयर्स में SIP के थ्रू इन्वेस्टमेंट। कुछ ब्रोकरेज फर्म्स अब ये सुविधा दे रही हैं कि आप हफ्ते, महीने या क्वार्टर में किसी कंपनी के फिक्स्ड नंबर ऑफ शेयर्स खरीद सको। इससे अलग-अलग टाइम पर अलग प्राइस पर शेयर्स मिलते हैं, और आपका एवरेज कॉस्ट बैलेंस रहता है।

लेकिन शेयर मार्केट में ऊपर-नीचे का खेल ज्यादा चलता है, तो रिस्क भी ज्यादा। फिर भी, अगर आपको कंपनियों की अच्छी समझ है और आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हो, तो स्टॉक SIP अच्छा रिटर्न दे सकता है। SIP निवेश को ये तरीका थोड़ा एडवांस्ड बनाता है।

स्टॉक SIP vs म्यूचुअल फंड SIP 

दोनों SIP ऑप्शन्स के बीच फर्क समझने के लिए देखो ये आसान ब्रेकडाउन। निवेश का तरीका: स्टॉक SIP में डायरेक्ट शेयर्स में जाता है, जबकि म्यूचुअल फंड SIP में शेयर्स, बॉन्ड्स और बाकी चीजों का मिक्स होता है। मैनेजमेंट में स्टॉक SIP के लिए खुद शेयर्स चुनने पड़ते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड SIP में प्रोफेशनल फंड मैनेजर सब संभालता है। जोखिम लेवल: स्टॉक SIP में ज्यादा, म्यूचुअल फंड SIP में कम।

समय और मेहनत की बात करें, तो स्टॉक SIP में रिसर्च ज्यादा लगती है, जबकि म्यूचुअल फंड SIP में कम – फंड मैनेजर ही सब करता है। डायवर्सिफिकेशन: स्टॉक SIP में लिमिटेड, म्यूचुअल फंड SIP में वाइड। कुल मिलाकर, SIP निवेश चुनते वक्त ये पॉइंट्स ध्यान में रखो।

स्टॉक SIP शुरू करने से पहले ये टिप्स फॉलो करो

स्टॉक SIP में कूदने से पहले मार्केट और कंपनियों की बेसिक नॉलेज होनी चाहिए। कंपनी की कमाई, डेब्ट और फ्यूचर ग्रोथ चेक करो। याद रखो, सारा पैसा एक ही कंपनी में न डालो – अलग-अलग सेक्टर्स चुनो। बार-बार बायिंग पर ब्रोकरेज और चार्जेस लग सकते हैं। लॉन्ग टर्म व्यू रखो और पेशेंस रखो। स्टॉक SIP रिस्की है, लेकिन स्मार्ट चॉइस से फायदा हो सकता है।

म्यूचुअल फंड SIP क्यों है बिगिनर्स का फेवरेट?

म्यूचुअल फंड SIP नए इन्वेस्टर्स के लिए सुपर सिंपल है। रिस्क कई जगह बंट जाता है, तो लॉस का चांस कम। फंड मैनेजर रिसर्च और डिसीजन लेते हैं, आपको सिर्फ टाइम पर SIP अमाउंट डालना है। एक्सपर्ट्स सब हैंडल करते हैं, तो कम रिस्क के साथ अच्छा रिटर्न मिल सकता है। SIP निवेश का ये तरीका सुरक्षित रास्ता है भविष्य की प्लानिंग के लिए।

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