दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट का केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार, जेल में ही मनाएंगे स्वतंत्रता दिवस
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसका मतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के अलावा राखी के त्योहार पर भी केजरीवाल को जेल के भीतर ही रहना होगा। सीबीआई केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने के साथ ही सीएम ने जमानत भी मांगी है। उन्हें ईडी केस में पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट ने सही बताया था और उन्हें जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) के याचिकाओं पर सुनवाई की।
केजीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अभिषेक मनु सिंघवी से बेंच ने कहा, ‘हम कोई अंतरिम जमानत नहीं दे रहे हैं। हम नोटिस जारी करेंगे।’ मामले की अगली सुनवाई अब 23 अगस्त को होगी।
क्या कहा था हाई कोर्ट ने
दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को वैध ठहराया था और कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को लेकर यह नहीं कहा जा सकता है कि यह बिना किसी उचित कारण के या अवैध है।
अदालत ने यह भी कहा था कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं। कोर्ट ने कहा, ‘गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने का साहस जुटा सके, जैसा कि विशेष अभियोजक ने उजागर किया है।’
क्या है शराब घोटाले का दावा
दिल्ली के मुख्यमंत्री को कथित शराब घाटोले में गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी ने उन्हें इस कथित घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। आरोप है कि वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली में जो शराब नीति बनाई गई, उसमें शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत ली गई।
ईडी और सीबीआई का दावा है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार में भी रिश्वत की रकम का इस्तेमाल किया। हालांकि, आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने जांच एजेंसियों के आरोपों को यह कहकर खारिज किया है कि पूरा केस झूठा है।