दल खालसा और कुछ अन्य सिख संगठनों द्वारा 6 जून को अमृतसर बंद का ऐलान किया गया है। इसे देखते हुए पुलिस ने अमृतसर में कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। पंजाब पुलिस अमन और कानून व्यवस्था को कायम रखने की तैयारी में जुटी है।
पंजाब पुलिस ने सुरक्षा में झोंकी ताकत
पुलिस मुलाजिमों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। पंजाब पुलिस के सभी ट्रेनिंग सेंटर से 2000 पुलिसकर्मियों को अमृतसर बुलाया गया है। इसके अलावा बॉर्डर रेंज के जिला अमृतसर देहाती, तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर और पठानकोट से भी पुलिस फोर्स को अमृतसर में बुलाया गया है।
पीएपी और एआरपी के जवानों को भी अमृतसर में ड्यूटी के लिए बुलाया गया है। 10 एसएसपी रैंक के अधिकारी, 15 एसपी कमांडेंट और 10 डीएसपी दूसरे जिलों से अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के दौरान ड्यूटी के लिए अमृतसर पहुंचे हैं। अमृतसर सिटी के 4000 पुलिस कर्मियों को सुरक्षा प्रबंधों में लगाया गया है।
गोल्डन टेंपल की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर पहरा
गोल्डन टेंपल की तरफ जाने वाले सभी रास्तों और शहर के पुराने गेटों पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। श्री हरिमंदिर के आसपास गलियारा में भी पुलिस फोर्स को लगाया गया है। सिविल ड्रेस में सिख पुलिस मुलाजिमों को श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा और श्री अकाल तख्त साहिब में आसपास तैनात किया गया है जो एसजीपीसी की टास्क फोर्स के साथ मिलकर ड्यूटी करेंगे।
पुलिस कमिश्नर ने लिया सुरक्षा प्रबंधों का जायजा
सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेने के लिए पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हेरीटेज स्ट्रीट पर नाके चैक किए और साथ ही ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की ब्रीफ भी किया। इसके बाद उच्च अधिकारी ने श्री हरिमंदिर साहिब के बाहर जाकर पुलिस व्यवस्था को भी चेक किया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत न आए। इसके लिए पुलिस कर्मियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार
गौरतलब है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले की अगुआई में अलगाववादियों ने अलग पंजाब की मांग को लेकर गोल्डन टेंपल में शरण लेकर तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार को चुनौती दी थी। केंद्र सरकार को गोल्डन टेंपल से अलगाववादियों को बाहर निकालने के लिए 1984 में 1 जून से 6 जून तक सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार का नाम दिया गया। 6 जून को सेना ने स्वर्ण मंदिर में अभियान चला कर कई आतंकियों को बाहर निकाला था। इस दौरान स्वर्ण मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ था। कई लोग भी मारे गए थे।