जेएंडके में हुए आतंकी हमलों के बाद एक बार फिर से पंजाब के पठानकोट में चार संदिग्ध देखे गए हैं। चारों संदिग्ध सेना की वर्दी में हैं। पठानकोट में इससे पहले भी तीन संदिग्ध देखे गए थे, लेकिन पुलिस व आर्मी उन्हें ढूंढ नहीं पाई थी। उसके बाद से ही पठानकोट पुलिस ने सुरक्षा का घेरा पूरी तरह से कड़ा किया है। फिर भी संदिग्धों की जिले में दूसरी बार मूवमेंट देखी गई है। ऐसे में जेएंडके व हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटे नाकों पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई हुई है।
पठानकोट के हलका सुजानपुर क्षेत्र के गांव पडियां लाहड़ी निकट चक्क माधो सिंह में सेना वर्दी में चार संदिग्ध देखे हैं। जिस जगह संदिग्ध देखे उक्त खेत का मालिक मनवाल बाग का रहने वाला है और उसने जमीन की देखभाल के लिए 50 वर्षीय रूपलाल नाम को रखा हुआ है। इस पूरे वाक्य ने जिले में दोबारा दहशत का माहौल बना दिया है। हालांकि इससे पहले देखे गए जिले में संदिग्धों का पुलिस और सेना अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है।
शुक्रवार को भी सूचना मिलने के बाद थाना सुजानपुर की पुलिस ने करीब तीन घंटे तक गांव पडियां लाहड़ी समेत आसपास के गांव मुद्दे, गंदलालाहडी, छोटेपुर, रतन कॉलोनी, गोसांईपुर ,चझेली, निहालपुर और गुर्जरों के डेरे, सुनसान जगह पर तलाशी अभियान चलाकर सर्च की। हालांकि पुलिस के हाथ कोई संदिग्ध नहीं लगा।
रूप लाल के मुताबिक रात के समय जब वे फसल को पानी लगाने के लिए एक बजे के करीब खेत में गया तो सड़क की तरफ से उसे चार व्यक्ति आते दिखाई दिए। चारों सेना की वर्दी में थे लंबे-लंबे बूट पहन रखे थे और उन चारों के पास हथियार भी थे। उनमें से एक व्यक्ति ने रूप लाल से पूछा कि आप रात के समय यहां क्या कर रहे हैं। इस पर रूप लाल ने जवाब दिया कि वे धान की फसल को पानी लगा रहा है। इसके बाद संदिग्धों ने पूछा मामून क्षेत्र को कौन सा रास्ता जाता है, तो रूप लाल ने जवाब दिया यह सीधी सड़क मामून को जाती है।
तुम्हारे गांव में कुत्ते बहुत भौंकते हैं
रूप लाल ने बताया कि संदिग्ध उससे कह रहे थे कि तुम्हारे इस गांव में कुत्ते बहुत भौंकते हैं। यह बात करके वह चारों वापस खड्ड की तरफ चले गए। रूप लाल ने बताया कि संदिग्धों के बूट कीचड़ से भरे पड़े थे, मानो जैसे वे किसी कीचड़ भरा रास्ता पार करके आए हों। सुबह होने पर रूप लाल ने खेतों के पास बने फार्म हाऊस में काम करने वाले प्रीतम चंद को घटना संबंधी जानकारी दी। प्रीतम चंद ने अपने मालिक चरणजीत और गांव के कुछ लोगों को बताया। लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
मामून क्षेत्र में सेना का बेस
जो संदिग्ध मामून क्षेत्र का रास्ता पूछ रहे थे वे क्षेत्र पूरी तरह से सेना बेस में तबदील है। दाएं-बाएं सेना ने अपने कैंप और पोस्टें बनाई हुई है। संदेह यह भी जाता है कि अगर चारों लोग मामून का रास्ता पूछ रहे थे तो क्या उनका टारगेट पठानकोट में भी सेना तो नहीं क्योंकि जेएंडके में जितने भी आतंकी हमले हुए उनमें सबसे ज्यादा सेना पर ही अटैक किए गए हैं। मामून ही नहीं पूरा जिले ही सेना बेस से घिरा हुआ है।