इस गांव में लगभग 2000 की आबादी है जिनमें से 500 प्रवासी हैं। गांव वालों का कहना है कि अगर यहां रुकना है तो उन्हें इन नियमों का पालन करना ही पड़ेगा।
गांव में कई जगहों पर बोर्ड लगाए गए हैं और इसमें प्रवासियों के लिए दिशा निर्देश लिखे गए हैं। कई प्रवासी इस एकतरफा आदेश को मानने को मजबूर हैं। वहीं कई ने गांव छोड़ने का ही फैसला कर लिया है। इस बोर्ड में कहा गया है कि प्रवासियों को पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इसते अलावा सिगरेट पीना, गुटखा खाना और पान मसाला चबाना अलाउ नहीं होगा। इससे वे सड़कों पर थूकते हैं और गंदगी फैलाते हैं।
बोर्ड में क्या लिखा है
बोर्ड में लिखा गया है, ‘प्रवासियों की वेरिफिकेशन जरूरी है। प्रवासी पान, गुटखा, बीड़ी, गांव में नहीं इस्तेमाल करेगा। जहां प्रवासी रहते हैं वहां कूड़ादान जरूर होना चाहिए। प्रवासी रात को 9 बजे के बाद बाहर घूमते नजर नहीं आने चाहिए। एक कमरे में दो से ज्यादा प्रवासी ना रहें और जो भी रह रहे हों उनकी वेरिफिकेशन जरूर हो। प्रवासी गांव में आधे नंगे घूमते नजर ना आएं।’
ग्रामीण सज्जन सिंह ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि प्रवासी आधे नंगे ही टहलते रहते हैं। इससे महिलाओं को परेशानी होती है। दूसरे ग्रामीण गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले लोग गुरुद्वारे के सामने भी थूक देते हैं। इन गांव वालों को काउंसिलर का भी सपोर्ट है। काउंसिलर गोविंदर सिंह चीमा ने कहा, हम किसी के खिलाफ नहीं हैं बल्कि अनुशासन चाहते हैं। हमने प्रवासियों के पुलिस वेरिफिकेशन पर जोर दिया है।
9 बजे के बाद बाहर ना निकलने के सवाल पर उन्होंने कहा, हम केवल प्रवासियों को ही टारगेट नहीं कर रहे हैं बल्कि उन लोगों को भी चेतावनी दे रहे हैं जो गांव में बवाल करते हैं। वहीं खरार पुलिस ने इस मामले में गांव वालों से बात की तो उन्होंने कहा कि वे अपने नियमों से पीछे नहीं हटेंगे। काउंसिलर ने कहा, हमने पुलिस प्रशासन के साथ मीटिंग की और फैसला किया है कि ये नियम सबके लिए लागू होंगे।
खरार के डीएसपी ने कहा कि पिछले साल वह इसपर नजर रख रहे हैं। पिछले महीने मोहाली के कुराली गांव में पिछले साल प्रवासियों को गांव वालों ने बैन कर दिया था। उनका कहना था कि प्रवासियों ने चोरियां की हैं।