ट्रैक पर काम कर रहे की-मैन ने शोर मचाया और ड्राइवर को इसकी जानकारी दी। इसके बाद ड्राइवर ने इंजन बंद कर दिया और इंजन को बोगियों से जोड़ा। इस दौरान बड़ा हादसा टला। गनीमत रही कि जिस ट्रैक पर बोगियां खड़ी थी, उस पर उस समय कोई दूसरी ट्रेन नहीं आई, वर्ना हजारों यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती थी। ट्रेन में दो से ढाई हजार यात्री सवार थे।
जानकारी के अनुसार, ट्रेन संख्या 12355/56 अर्चना एक्सप्रेस पटना से जम्मू जा रही थी। सरहिंद जंक्शन पर गाड़ी का इंजन बदला गया। इसके बाद खन्ना में इंजन खुल गया और करीब तीन किलोमीटर तक अकेला ही दौड़ता रहा। यह हादसा आज सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर हुआ। ट्रैक पर काम कर रहे की-मैन ने शोर मचा कर ड्राइवर को इसकी जानकारी दी।
ड्राइवर ने इंजन बंद कर दिया। रेलवे अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया गया। ड्राइवर इंजन वापस लाया और फिर उसे ट्रेन से जोड़ा गया। इस हादसे से रेलवे के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। बताया जा रहा है कि बॉक्स और इंजन के बीच का क्लैंप टूट गया, जिससे इंजन अलग हो गया। रेलवे फिलहाल इसका जांच कर रहा है।
रेलवे लाइनों पर खड़े रहे यात्रियों से भरे डिब्बे
इस घटना के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। इंजन खन्ना स्टेशन से काफी आगे निकल गया जबकि यात्रियों से भरे डिब्बे खन्ना से आगे समराला फ्लाईओवर के पास रेलवे लाइनों पर खड़े रहे। ट्रेन कोच अटेंडेंट ने बताया कि ट्रेन अर्चना एक्सप्रेस पटना से जम्मू जा रही थी। सरहिंद जंक्शन पर गाड़ी का इंजन बदला गया। खन्ना में इंजन खुल गया और काफी आगे तक चला गया। उन्होंने वायरलेस से संदेश रेलवे अधिकारियों को दिया।
बिना ड्राइवर के दौड़ी थी मालगाड़ी
इससे पहले 25 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेलवे स्टेशन से एक मालगाड़ी बिना ड्राइवर के पंजाब की तरफ दौड़ पड़ी थी। ट्रेन करीब 84 किलोमीटर तक दौड़ती रही। कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेन को पंजाब के मुकेरियां में ऊंची बस्सी के पास रोका गया था। इस घटना में रेलवे ने कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।