2-3 सितंबर: सोमवती और भौमवती अमावस्या, जानें इसका महत्व

इस दिन सूर्योदय 05:45 पर हो जाएगा। इसलिए उदयकालिक तिथि में मंगलवार को भी अमावस्या पड़ रहा है। इस कारण से भव्वती अमावस्या का सहयोग बन रहा है।भौमवती अमावस्या के दिन पूजा अर्चना करने से धन संबंधित समस्याएं समाप्त होती हैं।

विशेष करके कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ ही साथ यह जन्म कुंडली में मंगल का किसी भी प्रकार से नकारात्मक प्रभाव है। चाहे वह अंगारक योग में हो अथवा नीचे के मंगल का प्रभाव हो इन सभी नकारात्मकताओं से मुक्ति मिल जाती है।

भाद्रपद अमावस्या का शुभ मुहूर्त : द्रिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 02 सितंबर  2024 को सुबह 05: 21 एएम पर होगा और इसका समापन 03 सितंबर को सुबह 07 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस बार 02 सितंबर को सोमवती अमावस्या और 03 सितंबर को भौमवती अमावस्या मनाया जाएगा।

सोमवती और भौमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान के कार्यों को बेहद महत्व है। मान्यता है कि इससे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। भौमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव के रुद्र अवतार हनुमानजी की पूजा-उपासना की जाती है। इस दिन पितरों का श्राद्ध,तर्पण और पिंडदान करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा-पाठ और धर्म-कर्म के कार्य बेहद शुभ फलदायी माने जाते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.