शिव-गौरी को समर्पित ये व्रत सुहाग की रक्षा के लिए रखा जाता है। सावन मंगला गौरी व्रत रखने से संतान कामना की इच्छा भी पूरी होती है। आइए जानते हैं सावन के तीसरे मंगला गौरी व्रत का उपाय, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि-
तीसरे मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:21 ए एम से 05:03 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04:42 ए एम से 05:45 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:54 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:41 पी एम से 03:34 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:08 पी एम से 07:29 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:08 पी एम से 08:12 पी एम
अमृत काल- 03:06 पी एम से 04:51 पी एम
निशिता मुहूर्त- 12:06 ए एम, अगस्त 07 से 12:48 ए एम, अगस्त 07
तीसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा-विधि
पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें
भगवान शिव का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करें
माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
अब मां पार्वती को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें
मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
मंगला गौरी व्रत की कथा का पाठ करें
शिव चालीसा और पार्वती चालीसा का पाठ करें
पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव और पार्वती माता की आरती करें
खीर का भोग लगाएं
अंत में क्षमा प्रार्थना करें
तीसरा मंगला गौरी व्रत उपाय
अगर आपका वैवाहिक जीवन दिक्कतों से भरा हुआ है या शादी होने में कोई न कोई अड़चन आ जाती है तो मंगला गौरी का व्रत रखें। इस दिन माता पार्वती को लाल चुनरी चढ़ाएं और शृंगार की सामग्री अर्पित करें। शिव-पार्वती की जोड़ें में पति के साथ पूजा करने से मैरिड लाइफ अच्छी रहती है।