इतना ही नहीं इस संयोग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग जैसे सुयोग के अलावा कुबेर योग, मंगल-गुरु युति, शुकादित्य योग, बुधादित्य योग का भी संयोग बन रहा है। जबकि लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग, शशि राजयोगों से भी इस बार का श्रावण माह अतिशुभ और मंगलकारी बन रहा है।
शिवभक्तों में इस सुखद संयोग से भारी उत्साह देखा जा रहा है। इस क्रम में अभी से ही सम्पूर्ण नवादा जिला श्रावणमय होकर रह गया है। बाबा नगदी देवघर जाने वालों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इधर, जिले भर के शिवमंदिरों में भी साज-सजावट परवान पर है। प्रसिद्ध शोभनाथ मंदिर और साहेब कोठी मंदिर के अलावा तमाम शिवालयों का रंगरूप पूरी तरह से बदलने लगा है।
हिन्दू धर्म में श्रावण मास का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इसे साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। श्रावण में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। इस बार के सावन माह में दो सबसे दुर्लभ संयोग यह बन रहे हैं कि श्रावण मास की शुरुआत सोमवार के पवित्र दिन से हो रही है जबकि पूरे सावन में कुल पांच सोमवार के दिन पड़ेंगे। यह संयोग इस वर्ष 72 वर्षों के बाद बन रहा है। अन्य कई संयोग भी बनने से शिवभक्तों पर बाबा भोलेनाथ की असीम कृपा बरसने वाली है।
श्रावणी पूजन का मिलेगा इस वर्ष विशेष लाभ
इस साल का सावन बहुत खास है इसलिए श्रावणी पूजन का इस वर्ष विशेष लाभ मिलेगा। यह जानकारी देते हुए शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि पहले सोमवार को प्रीति आयुष्मान योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसको लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी इस योग में पूजा करता है उसको भगवान शिव से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।
इस साल का श्रावण मास 21 जुलाई से शुरू होगा और 30 दिन यानी लगभग एक महीने बाद 19 अगस्त को खत्म होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 47 मिनट से आरंभ हो जाएगी, जो 22 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के लिहाज से 22 जुलाई से श्रावण मास आरंभ हो रहा है, जो 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा।
श्रावण में भगवान शिव व माता पार्वती करती हैं भक्तों का कल्याण
पावन श्रावण मास में श्रद्धालु भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। श्रावण मास में ज्यादातर श्रद्धालु सोमवार के दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की शुद्ध मन से पूजा करते हैं। अविवाहित लड़कियां श्रावण के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखती हैं।
कुछ महिलाएं मनचाहा पति पाने के लिए सोमवार व्रत करती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। श्रावण के दौरान कांवड़ यात्रा भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें श्रद्धालु पवित्र गंगा के पास विभिन्न धार्मिक स्थानों पर जाते हैं और वहां से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्रावण में भगवान शिव व माता पार्वती अपने भक्तों का कल्याण उदार हृदय से करते हैं।
सावन सोमवार व्रत की लिस्ट :
- प्रथम श्रावणी सोमवार व्रत- 22 जुलाई
- द्वितीय श्रावणी सोमवार व्रत- 29 जुलाई
- तृतीय श्रावणी सोमवार व्रत- 05 अगस्त
- चतुर्थ श्रावणी सोमवार व्रत- 12 अगस्त
- पंचम श्रावणी सोमवार व्रत/रक्षा बंधन- 19 अगस्त