22 अगस्त को होगा गणेश जी का आगमन! हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का सही समय

महिलायें ये व्रत संतान की कामना और दीर्घायु के लिए रखती हैं। हेरम्ब चतुर्थी के दिन गणेश भगवान और चंद्र देव की पूजा-उपासना की जाएगी। आइए जानते हैं हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी पूजा का मुहूर्त, विधि, मंत्र, चंद्र दर्शन समय और गणेश जी की आरती-

हेरम्ब चतुर्थी शुभ मुहूर्त

हेरम्ब चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 22, 2024 को 01:46 पी एम बजे

हेरम्ब चतुर्थी तिथि समाप्त – अगस्त 23, 2024 को 10:38 ए एम बजे

हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी पूजा-विधि

1- भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें

2- गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं

3- तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं

4- हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें

5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें

6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें

7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें

8- व्रत का पारण करें

9- क्षमा प्रार्थना करें

चांद निकलने का टाइम

दृक पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को रात 08 बजकर 43 मिनट पर चंद्रोदय होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत सम्पूर्ण माना जाता है।

मंत्र- ॐ गणेशाय नमः

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

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