Karwa Chauth 2024 : जानें करवा चौथ पर निर्जला व्रत, गणेश पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपराओं का विशेष महत्व
इस दिन सुहागिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना यह व्रत पूर्ण नहीं होता। इस साल करवा चौथ पर भद्रा का साया रहेगा।
हालांकि यह भद्रा दिन में केवल 21 मिनट के लिए ही रहेगा। भद्रा सुबह 6.25 बजे से 6.46 बजे तक है। श्री कृष्ण मंदिर के पुरोहित संतोष त्रिपाठी ने बताया कि वैदिक पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल करवा चौथ के लिए जरूरी कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 20 अक्तूबर को सुबह 6.46 बजे से शुरू हो रही है।
यह तिथि अगले दिन 21 अक्तूबर की सुबह 4.16 बजे खत्म हो जाएगी। ऐसे में इस साल करवा चौथ 20 अक्तूबर को होगा। उस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखेंगी।
करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी इस वर्ष 20 अक्तूबर को रखा जाएगा। करवा चौथ में निर्जल व्रत, गणेश पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। इनके बिना व्रत पूरा नहीं होता है।
चंद्रोदय का समय
करवा चौथ के व्रत में महिलाओं को चंद्रमा के निकलने की प्रतीक्षा रहती है। कृष्ण पक्ष का चंद्रोदय विलंब से होता है। 20 अक्तूबर को करवा चौथ पर चंद्रमा शाम 7: 54 बजे उदय होगा। इसके बाद चंद्रमा की पूजा होगी और अर्घ्य दिया जाएगा।