ज्योतिषों के अनुसार भद्रा काल शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इसी दिन भद्रा का साया खत्म होने पर दोपहर बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। रक्षाबंधन को लेकर राखी की दुकानें सज गई है एवं खरीदारी भी शुरू हो गई है। ज्योतिष राकेश मिश्रा बताते हैं कि सावन पूर्णिमा के दिन सुबह से दोपहर 1.35 तक भद्रा का साया रहेगा। इसके बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि भद्रा काल में किए गये कार्य शुभ नहीं होते हैं, इसलिए भ्रदा काल बीतने के बाद ही रक्षाबंधन पर्व मनाना श्रेयस्कर होगा। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त को पूर्णिमा तिथि का आरंभ सुबह 3 बजकर 4 मिनट से हो रहा है, जो रात्रि 11. 55 तक रहेगा।
पूर्णिमा तिथि शुरू होने के साथ ही भद्रा शुरू हो रहा है। भद्रा 19 अगस्त को दोपहर 1 .35 बजे खत्म होगा। रक्षाबंधन का शुभ मुर्हूत दोपहर 1.36 से शाम 7.39 तक है। रक्षाबंधन के दिन इस साल सर्वाथ सिद्धि योग, रवि योग एवं शोभना योग का संयोग बन रहा है।
राखी बांधते समय ये मंत्र जरूर पढ़ें
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
सबसे पहले बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं।
घी के दीपक से आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें।