इस समय सावन का पावन माह चल रहा है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इस पावन माह सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस पावन माह में भगवान गणेश का ध्यान कर माता पार्वती और भगवान शंकर की अराधना करें। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर ये चीजें जरूर अर्पित करें…
जल- शिवजी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है शिवलिंग पर जल चढ़ाना। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ऊॅं नम: शिवाय का जप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जल अर्पित करने से चित शांत होता है।
दही- शिवलिंग पर दही भी अर्पित करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने व्यक्ति परिपक्व बनता है और जीवन में स्थिरता आती है।
देसी घी- शिवलिंग पर देसी घी अर्पित करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग का घी से अभिषेक करने से व्यक्ति बलवान बनता है।
चंदन- शिवलिंग पर चंदन अवश्य लगाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से इंसान को आकर्षक रूप मिलता है और जीवन में मान, सम्मान और ख्याति की कभी कमी नहीं आती।
शहद- शिवलिंग पर शहद भी अर्पित करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से वाणि में मधुरता आती है और दिल में परोपकार की भावना जागती है।
भांग- शिवलिंग पर भांग भी अर्पित की जाती है। भगवान शिव को भांग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
दूध- शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भी शिवजी प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से व्यक्ति सदैव स्वस्थ और रोग मुक्त रहता है।
चीनी- शिवलिंग पर चीनी चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर चीनी अर्पित करने से घर में कभी यश, वैभव और कीर्ति की कमी नहीं होती।
केसर- शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से भी भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लाल केसर से शिव जी का तिलक करने से जीवन में सौम्यता आती है और मांगलिक दोष समाप्त होता है।
इत्र- शिवलिंग पर इत्र अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर इत्र अर्पित करने से मन की शुद्धि होती है और तामसी प्रवतियों से मुक्ति हो जाती हैं।