मान्यता है कि घर का वास्तु सही होने पर जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। वहीं, खराब वास्तु व्यक्ति के जीवन में परेशानियां बढ़ा सकता है। आइए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर और समन्वयक डॉ नन्दन कुमार तिवारी द्वारा लिखी गई किताब गृह निर्माण विवेचन से घर बनाते समय किचन, पूजाघर, डाइनिंग रूम, बेडरूम समेत अन्य कमरों की दिशा का वास्तु जानते हैं…
गृह-निर्माण से जुड़े वास्तु टिप्स :
वास्तु के अनुसार, घर के पूर्व दिशा में स्नान घर होना चाहिए।
आग्नेय कोण(पूर्व-दक्षिण) दिशा में किचन का निर्माण करवाना शुभ रहता है।
दक्षिण दिशा में बेडरूम का स्थान होना चाहिए। बेडरूम में देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं रखना चाहिए।
ईशान कोण और आग्नेय कोण में बेडरूम नहीं होना चाहिए।
बाथरूम में टंकी, शॉवर और वाशबेसिन पूर्व या उत्तर दिशा में लगवाना चाहिए।
भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। पश्चिम दिशा में डाइनिंग टेबल रखना चाहिए।
उत्तर दिशा में तिजोरी का स्थान होना चाहिए।
ईशान कोण में घर का मंदिर बनवाना चाहिए। इस दिशा के स्वामी भगवान शिव हैं। इसके साथ ही देवी-देवताओं की मूर्ति पूर्व-उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
दक्षिण दिशा में पूजा घर नहीं होना चाहिए। साथ ही मंदिर के आसपास बाथरूम और टॉयलेट नहीं बनाना चाहिए।
दक्षिण और पश्चिम दिशा(नैऋत्य कोण) में शौचालय का निर्माण करवाना चाहिए।
ईशान और पूर्व दिशा में स्टोर रूम का निर्माण करवाना चाहिए।
दक्षिण और पश्चिम दिशा और पश्चिम दिशा में स्टडी रूम होना चाहिए।
घर के ब्रह्म स्थान(मध्य में) किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जाना चाहिए।