देवशयनी एकादशी कब है? 4 महीने के लिए निद्रा में लीन होंगे भगवान विष्णु!

भगवान विष्णु के चार माह तक शयन में जाने के कारण इसे चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है। चातुर्मास में सभी देव सो जाते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में आ जाता है। देवशयनी एकादशी पर व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा किया जाता है। उनकी कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है, पाप नष्ट होते हैं। आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी की डेट, मुहूर्त व्रत पारण समय और पूजा-विधि-

कब है देवशयनी एकादशी?

आचार्य अंजनी कुमार ठाकुर ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी की तिथि 16 जुलाई को रात 08: 33 पर शुरु है और इसका समापन 17 जुलाई को रात 09: 02 पर होगा। उदयातिथि के आधार पर देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई दिन बुधवार को रखा जाएगा।  इसकी वजह से 4 माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस दौरान शादी, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे सभी शुभ कार्य बंद हो जाएंगे।

व्रत पारण कब होगा?

व्रत का पारण गुरुवार 18 जुलाई के दिन किया जाएगा।

देवशयनी एकादशी पर शुभ संयोग

उन्होंने बताया कि 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त से किया जा सकता है। उस दिन सुबह से ही सर्वार्थ सिद्धि योग बना है, जिसमें किए गए कार्य सफल सिद्ध होंगे। देवशयनी एकादशी वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शुभ योग और शुक्ल योग बने हैं। ये सभी योग पूजा पाठ और शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं। व्रत के दिन अनुराधा नक्षत्र और पारण वाले दिन ज्येष्ठा नक्षत्र भी हैं।

पूजा-विधि

1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें

2- गणेश जी को प्रणाम करें

3- विष्णु जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

4- अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें

5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

6- श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें

7- पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें

8- तुलसी दल सहित भोग लगाएं

9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें

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